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पूर्व DGP प्रशांत कुमार ने संभाला UP शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष का पदभार, जारी किए सख्त निर्देश

 

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) के नए अध्यक्ष पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को पदभार ग्रहण कर लिया। वे आयोग के चौथे अध्यक्ष बने हैं। कार्यभार संभालने के बाद अधिकारियों, कर्मचारियों और सदस्यों के साथ बैठक में उन्होंने निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ कार्य करने के सख्त निर्देश दिए।

प्रशांत कुमार ने कहा कि आयोग की सर्वोच्च प्राथमिकता स्वच्छ, निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करना होगी। लंबित अधियाचनों और भर्तियों को पूरा करने के लिए स्पष्ट भर्ती कैलेंडर तैयार किया जाएगा। टीजीटी और पीजीटी भर्ती परीक्षा प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही नई भर्तियां शुरू की जाएंगी। बेहतर तैयारी के साथ परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी और परीक्षा प्रणाली में जरूरी बदलाव किए जाएंगे।

उन्होंने अप्रैल में हुई असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में आई गड़बड़ी की शिकायतों का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी नए सिरे से जांच कराई जाएगी। साथ ही, भर्ती प्रक्रियाओं के लिए एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा, ताकि अभ्यर्थियों को किसी तरह की असुविधा न हो।

नए अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि फिलहाल आयोग का पूरा फोकस लंबित परीक्षाओं और भर्तियों को समयबद्ध तरीके से पूरा कराने पर रहेगा। इसके बाद ही नई भर्तियों और परीक्षाओं का आयोजन होगा। फर्जी भर्तियों की जांच के लिए विशेष समिति गठित की जाएगी और परीक्षा प्रक्रिया की सुरक्षा के लिए ऑडिट भी कराया जाएगा।

गौरतलब है कि आयोग के गठन के बाद पहले अध्यक्ष एमजी अग्रवाल 20 मार्च 2024 से 4 सितंबर 2024 तक पद पर रहे। इसके बाद प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को 5 सितंबर 2024 से 29 सितंबर 2025 तक अध्यक्ष बनाया गया। फिर 26 सितंबर से रामसूचित कार्यवाहक अध्यक्ष रहे, जिनका कार्यकाल 18 दिसंबर तक था। अब प्रशांत कुमार ने चौथे अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाली है।