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पूर्वांचल में विदेशी संपत्ति छिपाने वालों की बढ़ेंगी मुश्किलें: आयकर विभाग ने 2000 से अधिक लोगों को भेजा नोटिस

 

वाराणसी I विदेशों में निवेश कर काले धन को छिपाने वालों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। आयकर विभाग ने पूर्वांचल के वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर और मिर्जापुर सहित कई जिलों में 2000 से अधिक करदाताओं की पहचान की है, जिन्होंने अपनी विदेशी आय और संपत्तियों का पूरा विवरण ITR में नहीं दिया। विभाग ने इन लोगों को 31 दिसंबर तक संशोधित या अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर पूरा ब्योरा देने का अंतिम मौका दिया है। समय सीमा बीतने के बाद भारी जुर्माना और सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

जानकारी के अनुसार, पूर्वांचल में 2000 से ज्यादा लोगों ने विदेशी संपत्तियों का विवरण छिपाया है। केवल वाराणसी में ही 500 से अधिक लोग ऐसे हैं, जिन्होंने दुबई, लंदन, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में संपत्ति बनाई है। इनमें डॉक्टर, प्रोफेसर और बड़े कारोबारी शामिल हैं। जांच में पता चला कि कई लोगों ने विदेशी इंश्योरेंस फंड, म्यूचुअल फंड, पेंशन प्लान और शेयरों में भारी निवेश किया, लेकिन इससे होने वाली आय की जानकारी रिटर्न में नहीं दी।

आयकर अधिकारियों के अनुसार, कई करदाता म्यूचुअल फंड शेयरों में निवेश तो करते हैं, लेकिन आय का विवरण नहीं देते। नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि निर्धारित तिथि तक सही जानकारी न देने पर आयकर अधिनियम और काला धन कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होगी, जिसमें 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और अन्य दंड शामिल हैं।

एसएमएस-ईमेल से अलर्ट

विभाग सभी संबंधित करदाताओं को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल पर एसएमएस व ईमेल भेजकर अलर्ट कर रहा है। अधिकारियों की सलाह है कि रिटर्न भरते समय व्यक्तिगत मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी ही दर्ज करें, ताकि सूचनाएं सीधे पहुंच सकें। आकलन वर्ष 2025-26 के लिए रिटर्न दाखिल करने वालों में विदेशी आय या संपत्ति का विवरण न देने वाले संशोधित या अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

बीएचयू में आयोजित सेमिनार

सोमवार को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के केंद्रीय कार्यालय में आयकर विभाग के आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें लखनऊ से आईं अपर आयकर निदेशक (अन्वेषण) (एफएआईयू) अदिता सिंह ने करदाताओं को विदेशी संपत्तियों के रिटर्न में घोषणा के तरीकों की विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में विभागीय अधिकारी, चार्टर्ड अकाउंटेंट, अधिवक्ता और बीएचयू के कई प्रोफेसर मौजूद रहे।

अधिकारी ने क्या कहा

अदिता सिंह ने कहा कि विदेशी संपत्तियों का ब्योरा देने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है। कई लोग जानकारी के अभाव में गलती कर बैठते हैं। समय सीमा के बाद जानकारी न देने वालों पर पेनाल्टी लगाते हुए कार्रवाई की जाएगी।" 

आयकर विभाग की यह कार्रवाई राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे अभियान का हिस्सा है, जिसमें विदेशी संपत्तियों की जानकारी छिपाने वालों पर नजर रखी जा रही है। करदाता समय रहते सुधार कर दंड से बच सकते हैं।