UP BJP को मिला नया अध्यक्ष: कौन हैं पंकज चौधरी? 2027 की राह में क्या होंगी सबसे बड़ी चुनौतियां
उत्तर प्रदेश भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है। महाराजगंज सांसद और केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी निर्विरोध चुने गए हैं। कुर्मी चेहरे के जरिए पार्टी 2026 पंचायत और 2027 विधानसभा चुनावों की रणनीति को मजबूती देने की तैयारी में है।
Who is Pankaj Chaudhary: उत्तर प्रदेश भाजपा को आज नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। महाराजगंज से सांसद और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के नाम की औपचारिक घोषणा होना बाकी है, लेकिन शनिवार को लखनऊ स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में नामांकन दाखिल करने के साथ ही उनका निर्विरोध चुना जाना तय हो गया। किसी अन्य उम्मीदवार के पर्चा न भरने से तस्वीर पूरी तरह साफ हो चुकी है।
प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने जा रहे पंकज चौधरी के सामने संगठन को मजबूती देने के साथ-साथ 2026 के पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव की चुनौती होगी। ऐसे में उनके राजनीतिक सफर और आगे की रणनीति पर सबकी नजर है।
नगर निगम से संसद तक का सफर
पंकज चौधरी का जन्म 20 नवंबर 1964 को गोरखपुर में हुआ। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की। राजनीति में आने से पहले ही उनका सामाजिक और पारिवारिक आधार मजबूत रहा है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1989 में गोरखपुर नगर निगम के पार्षद के रूप में की। 1990 में वे भाजपा की जिला कार्यसमिति के सदस्य बने और इसी दौरान उप महापौर भी चुने गए।
1991 में पहली बार पहुंचे संसद
भाजपा ने 1991 के लोकसभा चुनाव में उन पर भरोसा जताया और पंकज चौधरी ने जीत दर्ज कर संसद में कदम रखा। इसके बाद 1996 और 1998 में भी वे लोकसभा पहुंचे। हालांकि 1999 और 2009 के चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2004 में उन्होंने फिर वापसी की। 2014 में मोदी लहर के बाद से वे लगातार लोकसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं।
वर्ष 2021 से पंकज चौधरी केंद्र सरकार में मंत्री हैं और वर्तमान में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। संगठन और सरकार—दोनों स्तरों पर उन्हें अनुभवी नेता माना जाता है।
कुर्मी कार्ड और 2027 की तैयारी
यूपी भाजपा अध्यक्ष के चयन को लेकर शुरू से यह माना जा रहा था कि फैसला जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर होगा। पंकज चौधरी कुर्मी समाज से आते हैं, जो उत्तर प्रदेश में ओबीसी वर्ग की एक प्रभावशाली जाति है। 2022 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में कुर्मी वोटों का झुकाव विपक्ष की ओर बढ़ने से भाजपा चिंतित रही है। ऐसे में कुर्मी चेहरे को आगे कर पार्टी ने सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश की है।
भाजपा में इससे पहले भी विनय कटियार, ओम प्रकाश सिंह और स्वतंत्र देव सिंह जैसे कुर्मी नेता प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। पंकज चौधरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का भरोसेमंद माना जाता है।
नए अध्यक्ष के सामने बड़ी चुनौतियां
प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पंकज चौधरी के सामने संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना पहली प्राथमिकता होगी। 2024 के लोकसभा चुनाव में सीटों में आई गिरावट के पीछे कार्यकर्ताओं की नाराजगी और संगठनात्मक कमजोरी को भी एक कारण माना गया।
इसके अलावा पूर्वी यूपी से आने वाले नेता के तौर पर उन्हें पश्चिमी यूपी के साथ संतुलन साधना होगा। 2026 के पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण, एंटी-इनकंबेंसी से निपटना और सपा की पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) रणनीति का जवाब देना उनकी सबसे बड़ी परीक्षा होगी।
कुल मिलाकर, पंकज चौधरी की ताजपोशी के साथ यूपी भाजपा ने 2027 की सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। अब देखना होगा कि वे संगठन को कितनी मजबूती से संभाल पाते हैं और चुनावी चुनौतियों को कैसे साधते हैं।