लखनऊ। उत्तर प्रदेश की चर्चित अयोध्या स्थित मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा हो गई है। यह उपचुनाव दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ ही आयोजित होगा। यह सीट समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। सपा ने इस सीट पर अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अभी तक अपने उम्मीदवार का चयन नहीं किया है।
निर्वाचन आयोग ने घोषित की तारीखें
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में मंगलवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव की तारीखों की घोषणा की। आयोग के अनुसार, मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए मतदान 5 फरवरी को होगा और परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। 10 जनवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी, 17 जनवरी नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख होगी, 18 जनवरी तक नामांकन पत्रों की जांच होगी, और 20 जनवरी तक नामांकन वापस लिया जा सकता है।
सपा और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर
पिछले नौ उपचुनावों के बाद एक बार फिर सपा और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। मिल्कीपुर सीट पहले सपा के पास थी, जहां से अवधेश प्रसाद विधायक थे। उनके फैजाबाद से सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई, और अब इस पर उपचुनाव हो रहा है।
बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई
अयोध्या की फैजाबाद लोकसभा सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद के हाथों हार झेलने के बाद, बीजेपी के लिए मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर जीत हासिल करना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। बीजेपी इस चुनाव के जरिए यह संदेश देना चाहती है कि अयोध्या की जनता अब भी उनके साथ है और पार्टी का जनाधार कमजोर नहीं हुआ है।
चुनावी रणनीतियों में जुटी पार्टियां
उपचुनाव की तारीख घोषित होने से पहले ही सपा और बीजेपी ने अपनी चुनावी तैयारियां तेज कर दी थीं। बीजेपी ने इस सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए छह मंत्रियों को चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है। इनमें जेपीएस राठौर, एमएलसी धर्मेंद्र सिंह, स्वतंत्र देव सिंह, सतीश शर्मा, गिरीश यादव और मयंकेश्वर सिंह शामिल हैं। ये सभी अयोध्या जिले के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही के साथ मिलकर काम करेंगे।
इसके अलावा, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समय-समय पर क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी चुनावी रणनीति बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।