बेंगलुरु में काम करने वाले जौनपुर के 34 वर्षीय AI इंजीनियर Atul Subhash ने पत्नी और ससुरालवालों की प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। उनका शव मराठाहल्ली स्थित उनके घर में फांसी के फंदे से लटका मिला। मरने से पहले अतुल ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट और एक वीडियो छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपनी दर्दभरी कहानी सुनाई।
शादी के बाद से शुरू हुआ उत्पीड़न
साल 2019 में अतुल की शादी जौनपुर की निकिता सिंघानिया से हुई थी। शादी के शुरुआती दिन ठीक रहे, लेकिन कुछ समय बाद निकिता जौनपुर लौट आईं और अतुल पर दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के झूठे केस दर्ज कर दिए। पांच साल में अतुल पर कई झूठे आरोप लगाए गए, जिनमें हत्या की कोशिश, और दहेज मांगने जैसे गंभीर आरोप शामिल थे।
झूठे केसों में फंसा परिवार
अतुल ने बताया कि उनके खिलाफ दर्ज केसों में अब तक 120 कोर्ट की तारीखें लग चुकी थीं। वह 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर पेशी के लिए गए, लेकिन कोई हल नहीं निकला। उनकी पत्नी ने 3 करोड़ रुपये का गुजारा भत्ता मांगा था। इतना ही नहीं, अतुल को अपनी बेटी से भी मिलने नहीं दिया गया।
कोर्ट और जज पर गंभीर आरोप
अतुल ने सुसाइड नोट में जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक पर 5 लाख रुपये घूस मांगने का आरोप लगाया। घूस न देने पर जज ने 2 साल की बेटी के लिए 40,000 रुपये प्रति माह भरण-पोषण का आदेश दिया। जब अतुल ने पत्नी पर उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया, तो जज ने मजाक उड़ाया।
वीडियो में बयां किया दर्द
अतुल ने आत्महत्या से पहले बनाए गए वीडियो में बताया कि उनकी पत्नी, सास, साला और अन्य रिश्तेदारों ने साजिश रचकर उन्हें फंसाया और पैसे ऐंठने की कोशिश की। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक उनके प्रताड़ित करने वालों को सजा नहीं मिलती, उनकी अस्थियों का विसर्जन न किया जाए।
आखिरी संदेश
अतुल ने अपनी टीशर्ट पर “Justice Is Due” लिखकर आत्महत्या की। उन्होंने एक NGO को भी आत्महत्या की जानकारी दी, जो महिलाओं द्वारा किए जा रहे घरेलू हिंसा के मामलों पर काम करता है।