Ayodhya: राम मंदिर में राम दरबार की भव्य स्थापना, सीएम योगी ने किया अभिषेक और आभूषणों से श्रृंगार

Ayodhya: रामनगरी अयोध्या के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय उस समय जुड़ गया, जब गुरुवार को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में राम दरबार समेत आठ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर संपन्न हुई। इस भव्य कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। प्राण प्रतिष्ठा अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11:25 से 11:40 बजे तक हुई, जब सिद्ध योग भी बन रहा था। इसी दिन रामेश्वरम की प्राण प्रतिष्ठा भी हुई थी।

सुबह छह बजे से शुरू हुए अनुष्ठान में वैदिक मंत्रों की गूंज, शंखध्वनि और हवन की महक ने मंदिर प्रांगण में आध्यात्मिक वातावरण रच दिया। मुख्यमंत्री योगी ने सभी देव विग्रहों का अभिषेक किया और राम दरबार की मूर्ति से आवरण हटाया। राजा राम का आभूषणों से भव्य श्रृंगार किया गया। इस अवसर पर Ayodhya के 19 संत-धर्माचार्य, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। इससे पहले सीएम ने हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन किया और सुबह 10:30 बजे रामकथा पार्क पहुंचे, जहां कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही समेत अन्य जनप्रतिनिधियों और भाजपा पदाधिकारियों ने उनकी अगवानी की।

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यज्ञमंडप और अभिषेक की तैयारियां
बुधवार को सुबह 6:30 बजे से यज्ञमंडप में दो घंटे तक देवताओं का पूजन हुआ। अन्नाधिवास सुबह 9:00 से 9:30 बजे तक और हवन 9:35 से 10:35 बजे तक संपन्न हुआ। इसके बाद 10:40 से 12:40 बजे तक Ayodhya राम दरबार समेत सभी देव विग्रहों का अभिषेक किया गया। दोपहर 2:00 से 3:00 बजे तक उत्सव विग्रहों ने पालकी पर चांदी की चौकियों में विराजमान होकर मंदिर परिसर का भ्रमण किया।

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राम दरबार की मूर्ति की अनूठी विशेषताएं
Ayodhya राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित राम दरबार की मूर्ति धार्मिक और स्थापत्य कला की दृष्टि से अद्वितीय है। मूर्तिकार सत्य नारायण पांडेय ने बताया कि मूर्ति निर्माण के लिए 40 साल पुराने संगमरमर पत्थर का चयन किया गया, जो मजबूती और चमक में बेजोड़ है। यह पत्थर जितना धोया जाएगा, उतनी ही इसकी दीप्ति बढ़ेगी और यह एक हजार साल तक सुरक्षित रहेगा। पत्थर के चयन में छह माह लगे, और IIT हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने इसकी ताकत, नमी सोखने की दर, घर्षण क्षमता और तापमान सहिष्णुता की गहन जांच की।

सिंहासन समेत सात फीट ऊंची मूर्ति
Ayodhya राम दरबार की मूर्ति सिंहासन समेत कुल सात फीट ऊंची है। सिंहासन साढ़े तीन फीट और सीताराम का विग्रह साढ़े चार फीट ऊंचा है। हनुमान और भरत की मूर्तियां बैठी मुद्रा में ढाई फीट, जबकि लक्ष्मण और शत्रुघ्न की मूर्तियां खड़ी मुद्रा में तीन-तीन फीट ऊंची हैं।

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