वाराणसी I कमच्छा स्थित बाबा बटुक भैरव मंदिर में रविवार को भगवान शिव के बालस्वरूप का त्रिगुणात्मक शृंगार किया गया। सुबह सात्विक शृंगार, शाम को राजसी शृंगार और रात्रि में तामसिक शृंगार के साथ भक्तों को बाबा के वास्तविक स्वरूप के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
सुबह चार बजे बाबा का पंचामृत स्नान कराने के बाद 51 किलो बेले के फूलों से सात्विक शृंगार हुआ। इस दौरान सात्विक विधि से पूजन और आरती संपन्न हुई। शाम चार बजे कोलकाता से मंगाए गए विशेष फूलों और राजसी वस्त्रों से बाबा का राजसी शृंगार किया गया और 56 भोग अर्पित किए गए।
रात्रि आठ बजे महंत जितेंद्र मोहन पुरी के सानिध्य में लोककल्याण के लिए रुद्र बटुक महायज्ञ का आयोजन हुआ। छह फीट गहरे हवन कुंड में सवा क्विंटल हवन सामग्री जैसे साकला, मेवा, धान का लावा, बताशा, जड़ी-बूटियां और देशी घी से आहुतियां दी गईं। हवन की लपटें नौ फीट ऊपर तक उठीं, जिसने श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
रात 10 बजे बाबा का तामसिक शृंगार किया गया। इस दौरान चक्रासन पूजन और तामसी भोग की प्रस्तुति हुई। पूरे मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और रोशनी से सजाया गया था। कार्यक्रम में महंत दीपक पुरी, महंत भास्कर पुरी और महंत राकेश पुरी भी उपस्थित रहे। बाबा के विशेष दर्शन और आरती में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।