महाराष्ट्र I भारतीय जनता पार्टी के सांसद और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने महाराष्ट्र के नांदेड़ के अर्धपुर में बयान दिया कि चुनावी नारों में संतुलन होना चाहिए और किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए। चव्हाण ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ जैसे नारों को अप्रासंगिक बताया और कहा कि इस तरह के नारे सही नहीं हैं, साथ ही लोगों को भी यह पसंद नहीं आएंगे। उन्होंने कहा, “चुनाव के समय नारे दिए जाते हैं, पर मैं ऐसे नारों के पक्ष में नहीं हूं।”
चव्हाण ने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के ‘वोट जिहाद’ और ‘धर्मयुद्ध’ के बयानों को भी अनदेखा किया। उन्होंने कहा कि उनका एजेंडा केवल विकास है और वे नफरत फैलाने वाले नारों में विश्वास नहीं करते। चव्हाण ने भाजपा की महायुति गठबंधन की नीति को “विकसित भारत और विकसित महाराष्ट्र” बताते हुए कहा कि उनकी राजनीति का उद्देश्य केवल राज्य का विकास है।
महायुति गठबंधन पर जताया भरोसा
चव्हाण ने आगामी विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन के बहुमत का दावा करते हुए कहा कि सरकार बनाने के लिए उन्हें पर्याप्त सीटें मिल जाएंगी। उन्होंने लोकसभा चुनाव के नतीजों पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि मराठा आरक्षण का प्रभाव लोकसभा चुनाव में देखा गया था, लेकिन इसके बाद राज्य सरकार ने आरक्षण को लेकर ठोस कदम उठाए हैं।
