बरेली : फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी करने वाली पाकिस्तानी महिला शिक्षिका का पर्दाफाश

बरेली। जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां पाकिस्तानी नागरिक शुमायला खान ने नकली दस्तावेजों की मदद से सरकारी शिक्षक की नौकरी हासिल की। प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सहायक अध्यापक के रूप में पिछले नौ वर्षों से सेवाएं दे रहीं शुमायला का फर्जीवाड़ा अब सार्वजनिक हो चुका है।

नकली दस्तावेजों से मिली नौकरी

2015 में शुमायला खान ने जाली प्रमाणपत्रों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक का पद हासिल किया। हाल ही में दस्तावेजों की गहन जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि शुमायला पाकिस्तानी नागरिक हैं और उनके निवास प्रमाणपत्र सहित अन्य कागजात भी फर्जी हैं।

निलंबन और कानूनी कार्रवाई

फतेहगंज पश्चिमी ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी भानु शंकर गंगवार ने शुमायला पर धोखाधड़ी और नागरिकता छुपाने के आरोप में थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने 3 अक्टूबर 2024 को शुमायला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और जल्द ही शुमायला की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।

नौ साल तक वेतन लेती रही

शुमायला ने सरकारी नौकरी के जरिए पिछले नौ वर्षों में लाखों रुपये का वेतन प्राप्त किया। जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया कि उसने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर नौकरी पाई थी। अब उसकी नियुक्ति को अवैध घोषित कर नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।

मामला कैसे उजागर हुआ?

शिकायत मिलने पर शुमायला के प्रमाणपत्रों की जांच कराई गई। एसडीएम सदर, रामपुर की रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि शुमायला का निवास प्रमाणपत्र गलत था और उसने अपनी पाकिस्तानी नागरिकता को छुपाने के लिए जानबूझकर धोखाधड़ी की।

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आगे की प्रक्रिया

फतेहगंज पश्चिमी थाना पुलिस ने शुमायला खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की जाएगी, साथ ही इस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों पर भी कानूनी शिकंजा कसा जाएगा।

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