वाराणसी I बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) ने एक बार फिर सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता को साबित करते हुए Mock Drill के अंतर्गत एक अनूठे रात्रिकालीन ब्लैकआउट मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया। यह ड्रिल रात 8:00 बजे इमरजेंसी सायरन के साथ शुरू हुई और पूरे 10 मिनट तक बरेका परिसर अंधकार में डूबा रहा। उद्देश्य था – युद्ध जैसी स्थितियों में बिजली बंदी की दशा में नागरिकों, कर्मचारियों और अधिकारियों की तैयारियों को परखना।

Mock Drill: इमरजेंसी सायरन बजते ही छा गया अंधकार, बरेका परिसर बना युद्धकालीन परिदृश्य
जैसे ही Mock Drill के तहत इमरजेंसी सायरन बरेका परिसर में गूंजा, कुछ ही क्षणों में लाइटें बंद हो गईं, खिड़कियाँ ढंकी गईं और समूचे क्षेत्र में सन्नाटा और अनुशासन छा गया। यह सारा दृश्य ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो कोई वास्तविक युद्धकालीन संकट सामने हो। यह मॉक ड्रिल न केवल तकनीकी रूप से सटीक थी, बल्कि मानसिक रूप से भी कर्मचारियों और नागरिकों को आपदा से निपटने की दिशा में तैयार करने वाला था। Mock Drill की यह रात्रिकालीन पहल विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही क्योंकि आमतौर पर रात के समय संचालन और प्रतिक्रिया की चुनौतियाँ अधिक होती हैं।
Mock Drill: प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ मूल्यांकन

Mock Drill के इस अभ्यास में बनारस के मंडलायुक्त श्री एस. राजलिंगम, जिलाधिकारी श्री सत्येंद्र कुमार, अपर पुलिस आयुक्त डॉ. एस. चिनप्पा जैसे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी स्वयं उपस्थित रहे। इनके अलावा उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा श्री महेश प्रताप सिंह, बरेका के जनसंपर्क अधिकारी श्री राजेश कुमार, सिविल डिफेंस के प्रशिक्षकगण और दर्जनों वालंटियर तथा अधिकारी उपस्थित थे। अधिकारियों ने Mock Drill के संचालन को अत्यंत संतुलित, योजनाबद्ध और अनुशासित बताया तथा इसे भविष्य में आपात स्थितियों से निपटने के लिए एक उपयोगी अभ्यास माना।
Mock Drill: नागरिक सुरक्षा संगठन की युद्धस्तरीय तैयारी

Mock Drill को बरेका नागरिक सुरक्षा संगठन द्वारा नियोजित किया गया था। इस दौरान उन्होंने सुनिश्चित किया कि सभी इमारतों की लाइटें बंद रहें, दरवाजे-खिड़कियाँ सही तरीके से ढंकी हों और नागरिकों को निर्देशों का सटीक पालन करना सिखाया गया। इस अभ्यास से यह साबित हुआ कि बरेका परिसर में आपात स्थिति आने पर नागरिक सुरक्षा तंत्र पूर्णतया सक्षम और तैयार है। Mock Drill ने स्पष्ट किया कि योजना, सहयोग और अनुशासन से किसी भी संकट की घड़ी में जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
Mock Drill: कर्मचारियों, अधिकारियों और निवासियों को मिली व्यावहारिक सीख

Mock Drill न केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया थी, बल्कि यह बरेका परिसर के निवासियों, कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक जीवंत पाठशाला भी बनी। इस मॉक ड्रिल ने उन्हें यह समझाया कि आपात स्थिति में घबराहट नहीं, बल्कि ठंडे दिमाग और प्रशिक्षण के सहारे ही बड़ी से बड़ी आपदा से निपटा जा सकता है। रात्रिकालीन अभ्यास से यह भी सिद्ध हुआ कि समय और परिस्थिति चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो, एक प्रशिक्षित नागरिक हमेशा सजग रहकर संकट को मात दे सकता है।
Mock Drill: बरेका बना सुरक्षा और आपदा प्रबंधन का प्रेरणास्रोत

Mock Drill ने यह प्रमाणित कर दिया कि बरेका न केवल इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र में अग्रणी है, बल्कि नागरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी यह एक रोल मॉडल के रूप में उभर रहा है। ब्लैकआउट जैसी कठिन और असामान्य परिस्थिति में भी जिस तरह की संजीदगी और दक्षता दिखाई गई, वह देश के अन्य औद्योगिक संस्थानों के लिए प्रेरणास्रोत है। Mock Drill ने एक बार फिर यह साबित किया कि बरेका हमेशा हर संकट के लिए तैयार है।

