वाराणसी I बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बरेका) के डिपो सामग्री अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाहा और उनकी मां को साइबर जालसाजों ने छह दिन तक डिजिटल हाउस अरेस्ट में रखकर 18.82 लाख रुपये की ठगी कर ली। घटना की शिकायत साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराई गई है, जहां पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
अनिल सिंह ने बताया कि 31 दिसंबर को उन्हें एक फोन कॉल आया, जिसमें क्रेडिट कार्ड से 1.63 लाख रुपये की शॉपिंग की जानकारी दी गई। अनिल ने क्रेडिट कार्ड से अनभिज्ञता जताई, तो कॉलर ने आधार कार्ड के गलत उपयोग का दावा करते हुए मुंबई साइबर क्राइम से संपर्क की बात कही।
इसके बाद कथित पुलिसकर्मियों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले का संदिग्ध बताकर अरेस्ट वारंट दिखाया और गिरफ्तारी की धमकी दी। डर के माहौल में उन्होंने चार से छह जनवरी के बीच जालसाजों द्वारा बताए गए खातों में 18.82 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
घटना का खुलासा तब हुआ जब कथित पुलिसकर्मी द्वारा भेजी गई ऑनलाइन रसीद संदिग्ध लगी। इसके बाद अनिल ने हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई।
साइबर सुरक्षा के उपाय
- अज्ञात कॉल्स से सतर्क रहें और पुलिस, साइबर क्राइम या किसी अन्य एजेंसी की कॉल पर बिना पुष्टि के विश्वास न करें।
- अनजान नंबर से आई वीडियो कॉल न उठाएं।
- किसी भी वित्तीय वेरिफिकेशन की मांग पर तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करें।
डिजिटल अरेस्ट के अन्य मामले
- 2024 में रिटायर्ड शिक्षिका शंपा रक्षित, अमिताव श्रीमनी और अन्य व्यक्तियों के साथ भी डिजिटल अरेस्ट करके लाखों की ठगी की गई।
महिला व्यवसायी से 7.11 लाख की ठगी
साइबर अपराधियों ने कैंपा कोला डिस्ट्रीब्यूटरशिप का झांसा देकर निराला नगर निवासी व्यवसायी कीर्ति यादव से 7.11 लाख रुपये हड़प लिए। कीर्ति ने बताया कि उन्होंने गूगल पर कैंपा कोला की साइट खोजी थी। दस्तावेजों की मांग के बाद उनसे 6.46 लाख रुपये मांगे गए, लेकिन 7.11 लाख रुपये जमा कराए गए। अतिरिक्त 5.90 लाख रुपये की मांग पर उन्हें ठगी का शक हुआ।