Dhananjay Singh : 2009 में जौनपुर के बेलाव घाट पर हुए दोहरे हत्याकांड ने इलाके में सनसनी फैला दी थी। इस केस में बालू खनन के ठेके को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद दो लोगों की हत्या कर दी गई। इस मामले में तत्कालीन सांसद धनंजय सिंह ( Dhananjay Singh) पर साजिश रचने का आरोप लगा, लेकिन 15 साल बाद सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।
Dhananjay Singh : क्या था पूरा मामला?
साल 2009 में जौनपुर जिले के बेलाव घाट पर बालू के ठेके को लेकर दो गुटों में टकराव हुआ। इस झगड़े में दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड के बाद उस समय के बसपा सांसद धनंजय सिंह ( Dhananjay Singh) और उनके करीबी आशुतोष सिंह पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा था। पुलिस ने दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
गवाहों के पलटने से कमजोर हुआ केस
इस केस में कुल 28 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया था, लेकिन अधिकतर गवाह बयान से मुकर गए। नतीजतन, कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में धनंजय सिंह समेत सभी चार आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया।
धनंजय सिंह की प्रतिक्रिया

फैसले के बाद धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) ने कहा कि उन्हें शुरू से फंसाया गया था और यह सब कुछ राजनीतिक रंजिश का नतीजा था। उन्होंने कोर्ट के फैसले पर संतोष जताया और न्यायपालिका का धन्यवाद किया।
अब सवाल उठते हैं…
– क्या यह मामला राजनीतिक दबाव का शिकार हुआ था?
– आखिर इतने साल तक फैसला क्यों लटका रहा?
– और क्या हकीकत कभी सामने आ पाएगी?