वाराणसी I बीएचयू के हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. ओमशंकर ने एक पत्रकार वार्ता में विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कई सलाहकारों की नियुक्ति की गई है और उन्हें मानदेय भी दिया जा रहा है, लेकिन विश्वविद्यालय के कार्यालय में इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है।
डॉ. ओमशंकर ने आरटीआई के जवाब को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि 17 अक्टूबर 2024 को विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से दिए गए जवाब में स्पष्ट किया गया है कि कार्यालय में सलाहकारों की नियुक्ति का कोई रिकॉर्ड नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे आईएमएस-बीएचयू समेत अन्य स्थानों पर इंस्टिट्यूट ऑफ इमीनेंस फंड से सलाहकारों की नियुक्ति की गई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने 2022 में सलाहकारों की नियुक्ति के आदेश को भी दिखाया, जिसमें कृषि विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर रमेश चंद्र को सलाहकार नियुक्त किया गया।
डॉ. ओमशंकर ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय में एक्जीक्यूटिव काउंसिल के नियमों के विपरीत न केवल नियुक्तियां हुई हैं, बल्कि शिक्षकों के प्रमोशन और वेतन वृद्धि भी की गई है। उन्होंने कहा कि काउंसिल की अनुमति के बिना कोई नियुक्ति या प्रमोशन नहीं किया जा सकता है।
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल से काउंसिल न होने के बावजूद कुलपति अपने इमरजेंसी पावर का दुरुपयोग कर ऐसे फैसले ले रहे हैं, जो न केवल नियमों की अवहेलना करते हैं, बल्कि प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को भी प्रभावित कर सकते हैं। डॉ. ओमशंकर ने प्रधानमंत्री से इस मामले की जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की मांग की है।