Varanasi : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में चल रही शोध प्रवेश प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं और बाहरी राजनीतिक हस्तक्षेप के विरोध में सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने महिला महाविद्यालय तिराहे पर विश्वविद्यालय प्रशासन (university administration) का पुतला दहन कर आक्रोश प्रकट किया।

ABVP कार्यकर्ताओं का आरोप है कि प्रशासनिक लापरवाही, विभागीय भ्रष्टाचार और आरक्षण नीतियों के उल्लंघन के कारण सैकड़ों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। संगठन का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता ने परिसर को विभाजनकारी और शिक्षा विरोधी राजनीति का अड्डा बनने दिया है।
इस समय विश्वविद्यालय में तीन विभागों — हिंदी, प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व और एक अन्य संकाय (Hindi, Ancient History and Archaeology and one other faculty) में छात्र विरोध प्रदर्शन पर बैठे हैं। हिंदी विभाग में EWS आरक्षण के नियमों को लेकर विवाद है, जबकि प्राचीन इतिहास विभाग में पिछड़ा वर्ग आरक्षण में अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं।

ABVP काशी प्रांत के प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि शोध प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह संदेह के घेरे में है। विभागीय भ्रष्टाचार और अराजक तत्वों की सक्रियता विश्वविद्यालय की गरिमा को नुकसान पहुंचा रही है। अगर प्रशासन शीघ्र समाधान नहीं करता, तो परिषद उग्र आंदोलन करेगी।
बीएचयू इकाई अध्यक्ष प्रशांत राय ने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षा का वातावरण बिगड़ रहा है और प्रशासन पूरी तरह मौन है। छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से लेकर विभागीय गड़बड़ियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
प्रांत शोध कार्य संयोजक सर्वेश सिंह राजन ने कहा कि शोध प्रवेश प्रक्रिया शुरुआत से ही संदिग्ध रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय आंखें मूंदे बैठा है।


कार्यक्रम के अंत में ओंकार, सूर्यांश, मोहित, हिमांशु, अभय, अभिषेक, मदन, यशवर्धन, अखिलेश सहित बड़ी संख्या में छात्रों ने पुतला दहन करते हुए प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए और तत्काल सुधार की मांग की।
ABVP की मांगें :-
- शोध प्रवेश में पारदर्शिता एवं नियमों का पालन
- दोषी विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई
- बाहरी राजनीतिक हस्तक्षेप पर रोक
- विश्वविद्यालय में शिक्षा के अनुकूल वातावरण की बहाली