Varanasi : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्रों ने सर सुंदरलाल चिकित्सालय और ट्रॉमा सेंटर में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार, प्रशासनिक अनियमितताओं, और मनमानी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों ने PM नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन उनके वाराणसी स्थित संसदीय कार्यालय में सौंपा। इस अवसर पर वाराणसी कैंट के विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने छात्रों से मुलाकात की और मामले पर गंभीर चर्चा की। छात्रों ने ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. सौरभ सिंह पर गंभीर आरोप लगाए और मेडिकल उपकरणों की खरीद में अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच की मांग की।
छात्रों के प्रमुख आरोप
- डॉ. सौरभ सिंह पर दुर्व्यवहार का आरोप:
- छात्रों ने दावा किया कि 26 मई 2025 को ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. सौरभ सिंह ने चिकित्सा शिक्षकों प्रो. विशंभर सिंह और एस.पी. मिश्रा के साथ दुर्व्यवहार किया।
- प्रशासनिक गुंडागर्दी और बाउंसरों के दुरुपयोग की शिकायतें भी सामने आईं, जिससे चिकित्सकों और कर्मचारियों में भय का माहौल है।
- मेडिकल उपकरणों की खरीद में घोटाला:
- छात्रों ने जेम पोर्टल के माध्यम से हुई मेडिकल उपकरणों और दवाओं की खरीद पर सवाल उठाए।
- आरोप है कि खरीद के लिए चुनी गईं 11 फर्में एक ही परिवार से जुड़ी हैं और इनसे खरीदे गए उपकरण अन्य फर्मों की तुलना में 10 से 100 गुना अधिक कीमत पर खरीदे गए।
- नोबेल डायग्नोस्टिक के टेंडर पर भी सवाल उठे, जिसके खिलाफ सर सुंदरलाल चिकित्सालय में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टेंडर लेने की कोशिश में IMS निदेशक द्वारा FIR दर्ज कराई गई थी।
- जाँच रिपोर्ट दबाने का आरोप:
- शिक्षा मंत्रालय की केंद्रीय सतर्कता इकाई (Central Vigilance) द्वारा इस मामले की जाँच की गई थी, लेकिन छात्रों का दावा है कि जाँच रिपोर्ट को दबा दिया गया।
- दोषियों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे भ्रष्टाचार को संरक्षण मिल रहा है।
- प्रशासनिक अनियमितताएँ:
- छात्रों ने ट्रॉमा सेंटर और सर सुंदरलाल चिकित्सालय में प्रशासनिक गुंडागर्दी और बाउंसर व्यवस्था की शिकायत की।
- आरोप है कि यहाँ मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है और दवाएँ व जाँचें अब आंतरिक रूप से ही कराई जा रही हैं, जिससे बाहरी कमीशन आधारित व्यवस्था बंद हो गई है।

छात्रों की माँगें
- ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. सौरभ सिंह और चिकित्सा अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त किया जाए।
- मेडिकल उपकरणों की खरीद में कथित 100 करोड़ के घोटाले की उच्च स्तरीय जाँच हो।
- 2018 की गवर्निंग बॉडी को बहाल किया जाए, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो।
- केंद्रीय सतर्कता इकाई की जाँच रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
विधायक सौरभ श्रीवास्तव की प्रतिक्रिया
- वाराणसी कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से लिया और उनकी माँगों को जायज ठहराया।
- उन्होंने आश्वासन दिया कि वह इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाएँगे।
- श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रॉमा सेंटर के संचालन में किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

छात्र नेताओं का बयान
- डॉ. कुंवर पुष्पेंद्र सिंह (छात्र प्रतिनिधि) ने कहा कि ट्रॉमा सेंटर और सर सुंदरलाल चिकित्सालय में प्रशासनिक गुंडागर्दी चरम पर है। यहाँ मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है। हम योग्य और पारदर्शी प्रशासकों की नियुक्ति चाहते हैं।
- अभय सिंह मिक्कू, मृत्युंजय तिवारी और अभिषेक सिंह ने इसे “जनहित की लड़ाई” करार देते हुए सभी से समर्थन की अपील की।
- अन्य छात्र नेताओं, जैसे हर्ष त्रिपाठी, रविभान सिंह, सौरभ सिंह, रजत सिंह, प्रफुल्ल पांडेय, हिमांशु राय और सत्यम राय ने प्रदर्शन में सक्रिय भागीदारी की।
BHU के सर सुंदरलाल चिकित्सालय और ट्रॉमा सेंटर में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं के खिलाफ छात्रों का आंदोलन एक गंभीर मुद्दा है। डॉ. सौरभ सिंह पर लगे आरोप, मेडिकल उपकरणों की खरीद में कथित घोटाला और जाँच रिपोर्ट दबाने के दावे इस मामले को जटिल बनाते हैं।