नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम निर्णय लेते हुए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (PM-ABHIM) योजना को दिल्ली में लागू करने पर अस्थायी रोक लगा दी है। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को समझौते के तहत इस योजना को लागू करने का निर्देश दिया था। दिल्ली सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में तर्क दिया कि स्वास्थ्य सेवाएं राज्य सूची के तहत आती हैं और हाईकोर्ट का आदेश राज्य सरकार को केंद्र के साथ समझौता करने के लिए मजबूर करता है।
मामले की पृष्ठभूमि
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को आयुष्मान भारत योजना लागू करने का निर्देश दिया था। याचिका में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर और आईसीयू बेड की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगाते हुए योजना को कार्यान्वित करने से रोका है।

आयुष्मान भारत योजना का मकसद
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन का उद्देश्य देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना है। इसके तहत:
- 10 प्राथमिकता वाले राज्यों में 17,788 ग्रामीण स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र बनाए जाने हैं।
- पूरे देश में 11,024 शहरी स्वास्थ्य और जनकल्याण केंद्र स्थापित किए जाने हैं।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। मामले की अगली सुनवाई के बाद ही योजना के क्रियान्वयन पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।