मुंबई I शेयर बाजार (Stock Market) में इस साल की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट सोमवार को दर्ज की गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 3200 अंक (4.20%) गिरकर 72,150 के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी 1000 अंक (4.50%) गिरकर 22,000 के नीचे पहुंच गया। इससे पहले 4 जून 2024 को बाजार में 5.74% की गिरावट आई थी।
सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों (Stock Market) में गिरावट आई है। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और इंफोसिस जैसे दिग्गज शेयरों में करीब 10% की गिरावट देखी गई, जबकि टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक और एलएंडटी में 8% की गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी मेटल इंडेक्स सबसे ज्यादा 8% टूटा है। IT, ऑयल एंड गैस, हेल्थकेयर में 7% तक की गिरावट देखी गई है, जबकि ऑटो, रियल्टी और मीडिया इंडेक्स 5% तक नीचे हैं।
Stock Market में गिरावट की मुख्य वजहें:
- ट्रम्प का रेसिप्रोकल टैरिफ: अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिससे भारतीय निर्यात पर दबाव बढ़ा है।
- चीन का जवाबी टैरिफ: चीन ने अमेरिका पर 34% का जवाबी टैरिफ लागू कर दिया है, जिससे वैश्विक व्यापार तनाव और बढ़ गया है।
- इकोनॉमिक स्लोडाउन की आशंका: टैरिफ के चलते महंगाई बढ़ने की संभावना है, जिससे मांग में गिरावट और आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती आ सकती है।
स्मॉलकैप और मिडकैप में भी भारी गिरावट
BSE का मिडकैप इंडेक्स 1,850 अंक (4.60%) गिरकर 38,630 पर और स्मॉलकैप इंडेक्स 2,860 अंक (6.20%) गिरकर 42,999 पर आ गया है।
निवेशकों की दौलत में भारी कमी
इस भारी गिरावट से निवेशकों की संपत्ति में करीब 20 लाख करोड़ रुपए की गिरावट आई है। शुक्रवार को BSE पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 404 लाख करोड़ रुपए था, जो आज घटकर 383 लाख करोड़ रह गया।
वैश्विक बाजार (Stock Market) भी रहे प्रभावित
हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 10%, चीन का शंघाई इंडेक्स 6.50%, जापान का निक्केई 6% और कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 4.50% तक लुढ़क गया है। अमेरिका के डाउ जोन्स, S&P 500 और नैस्डेक में भी क्रमशः 3.98%, 4.84% और 5.97% की गिरावट देखी गई।
फाइनेंशियल कॉमेंटेटर जिम क्रैमर ने चेतावनी दी है कि 1987 जैसे ‘ब्लैक मंडे’ की पुनरावृत्ति हो सकती है और अमेरिकी बाजारों में 22% तक की गिरावट संभव है।

क्रूड ऑयल की कीमतें भी गिरीं
2 अप्रैल से अब तक क्रूड ऑयल के दाम 12.11% गिर चुके हैं। आज ब्रेंट क्रूड करीब 4% की गिरावट के साथ 64 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है, जो पिछले 4 सालों का सबसे निचला स्तर है।
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और व्यापार युद्ध की आशंका ने Stock Market में घबराहट फैला दी है। निवेशकों को सतर्कता बरतने और लॉन्ग टर्म निवेश रणनीति अपनाने की सलाह दी जा रही है।