बीपीएससी परीक्षा रद्द करने से इनकार, 4 जनवरी को होगी पुनर्परीक्षा: अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई का बयान

पटना I बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने 70वीं एकीकृत संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (CCE) 2024 को रद्द करने से साफ इनकार कर दिया है। यह परीक्षा प्रश्नपत्र लीक और हंगामे के आरोपों के बीच विवादों में घिर गई थी। हालांकि, उन्होंने घोषणा की कि 13 दिसंबर को बापू परीक्षा परिसर केंद्र में परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों के लिए पुनर्परीक्षा 4 जनवरी, 2025 को आयोजित की जाएगी।

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13 दिसंबर की परीक्षा के विवाद और पुनर्परीक्षा

बीपीएससी ने पटना के कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा परिसर में 13 दिसंबर को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर दिया था। इस दिन परीक्षा केंद्र पर हंगामे के दौरान ड्यूटी पर तैनात एक अधिकारी को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। आयोग ने कहा कि यह निर्णय केवल उस केंद्र तक सीमित है, और 4 जनवरी को पुनर्परीक्षा किसी अन्य केंद्र पर आयोजित होगी, जिसमें लगभग 12,000 उम्मीदवार शामिल होंगे।


उम्मीदवारों को कारण बताओ नोटिस

बीपीएससी ने 34 उम्मीदवारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जो 13 दिसंबर को हुई अव्यवस्था में शामिल बताए गए हैं। उन्हें 26 दिसंबर तक अपने जवाब देने का निर्देश दिया गया है। आयोग उनके उत्तरों की जांच कर उचित कार्रवाई करेगा।


प्रदर्शनकारियों की मांग और प्रशासन की प्रतिक्रिया

कुछ अभ्यर्थी 13 दिसंबर को राज्य भर में आयोजित परीक्षा को पूरी तरह रद्द करने की मांग कर रहे हैं और इसके लिए पिछले कई दिनों से गर्दनीबाग में धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि केवल एक केंद्र के लिए पुनर्परीक्षा कराना “समान अवसर” के सिद्धांत के खिलाफ है।

पटना जिला प्रशासन ने इन विरोध प्रदर्शनों को गैर-परीक्षार्थियों और कुछ कोचिंग संस्थानों की साजिश बताया है। डीएम ने कहा कि ये प्रदर्शनकारी राजनीतिक कारणों से वास्तविक अभ्यर्थियों को गुमराह कर रहे हैं। प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी संकेत दिया है।


खान सर और पप्पू यादव का समर्थन

पटना के मशहूर ट्यूटर और यूट्यूबर खान सर ने पीएमसीएच में भर्ती प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की। वहीं, पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने विरोध स्थल का दौरा कर आंदोलनकारियों को अपना समर्थन दिया। प्रशासन ने दावा किया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने गर्दनीबाग अस्पताल में प्रवेश कर कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। इन घटनाओं के बाद प्रदर्शनकारियों पर सख्त नजर रखी जा रही है।

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