Brijbhushan Sharan Singh : भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और कैसरगंज से भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत चल रहे केस को समाप्त कर दिया है। यह मामला एक नाबालिग महिला पहलवान द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप में दर्ज किया गया था, लेकिन अब इस केस की फाइनल सुनवाई के बाद अदालत ने इसे बंद करने की मंजूरी दे दी है।
Brijbhushan Sharan Singh : समर्थकों में जश्न, बेटे ने बताई ‘सत्य की जीत’
कोर्ट के इस फैसले के बाद बृजभूषण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) के समर्थकों ने नंदिनीनगर से लेकर विश्नोहरपुर तक आतिशबाजी कर खुशी जाहिर की। सांसद प्रतिनिधि संजीव सिंह ने कहा कि “यह न्याय की जीत है और झूठ की हार।” वहीं, बृजभूषण के बेटे और विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X और फेसबुक पर लिखा,
“हमने एक झूठे और आधारहीन मामले में न्यायिक विजय पाई है। हर तथ्यहीन आरोप अब न्याय के सामने धराशायी हो चुका है। यह सत्य की जीत है, और यह जीत आगे भी कायम रहेगी।”
नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह ने इस मौके पर मिठाई बांटकर और पटाखे फोड़कर खुशी जताई।
करीब तीन साल बाद मिला न्याय
इस केस की शुरुआत साल 2023 में हुई थी, जब दिल्ली के जंतर-मंतर पर कई पहलवानों ने तत्कालीन सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 36 दिनों तक धरना दिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने 15 जून 2023 को मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी।

1 अगस्त 2023 को हुई पिछली सुनवाई में शिकायतकर्ता और उसके पिता ने पुलिस की रिपोर्ट पर कोई आपत्ति नहीं जताई और जांच से संतुष्टि जाहिर की। अंततः अदालत ने करीब तीन वर्षों के बाद पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज केस को आधिकारिक रूप से खत्म कर दिया।
क्या था मामला?
यह केस एक नाबालिग महिला पहलवान की ओर से लगाए गए यौन शोषण के आरोप पर आधारित था, जिसके तहत पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया गया था। लेकिन जांच में किसी भी ठोस साक्ष्य के अभाव में दिल्ली पुलिस ने केस को फर्जी मानते हुए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने अब स्वीकार कर लिया है।