बजट 2025-26 में सरकार ने आयकर व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे नौकरीपेशा के साथ-साथ बिना नौकरी वाले करदाताओं को भी राहत मिलेगी। नई व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसके अलावा, नौकरीपेशा लोगों को 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा, जिससे उनका कर बोझ कम होगा। अब नौकरी न करने वाले लोग भी 12 लाख रुपये से अधिक की कमाई पर मार्जिनल रिलीफ के तहत राहत पा सकेंगे, जिससे उनकी टैक्स देनदारी घटेगी।
बजट में करमुक्त आय सीमा को बढ़ाकर सरकार ने मध्यवर्गीय करदाताओं को बड़ी राहत देने की कोशिश की है। नौकरीपेशा व्यक्तियों को 12.75 लाख रुपये तक की आय पर पूरी तरह से करमुक्त किया गया है, जबकि बिना नौकरी वाले करदाताओं के लिए 12.74 लाख रुपये तक की आय पर मार्जिनल रिलीफ मिलेगा, जिससे कर देनदारी कम होगी।
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद निवासी रमेश गोयल, जो कांच की चूड़ियों का कारोबार करते हैं, ने पिछले साल 12.10 लाख रुपये की कमाई की थी। बजट की घोषणा के बाद वह थोड़े खुश और थोड़े चिंतित हैं। उनकी चिंता यह है कि अगर उनकी कमाई 12 लाख रुपये से सिर्फ कुछ हजार रुपये अधिक होती है तो उन्हें ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा। इस समस्या को हल करने के लिए आयकर विभाग ने एक एफएक्यू (Frequently Asked Questions) जारी किया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि बिना नौकरी करने वालों को भी 12.74 लाख रुपये तक की कमाई पर मार्जिनल रिलीफ मिलेगा।
इस राहत से खुश कानपुर के कपिल शुक्ला ने बताया कि नई कर व्यवस्था से उनकी टैक्स देनदारी में 1.05 लाख रुपये की बचत होगी, जो वह भविष्य में निवेश के रूप में इस्तेमाल करेंगे। हालांकि, कपिल को यह भी चिंता है कि वह बचे हुए पैसे का सही उपयोग कैसे करें।
नई कर व्यवस्था में बदलावों का सबसे बड़ा असर यह है कि अब करदाता अपने टैक्स को कम करने के लिए विभिन्न निवेश विकल्पों का चयन कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि युवा निवेशक इस पैसे का इस्तेमाल रिटायरमेंट के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में कर सकते हैं, जबकि 50 साल से ऊपर के लोग बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश कर सकते हैं।

मार्जिनल रिलीफ का गणित कुछ इस प्रकार है: यदि रमेश की आय 12.10 लाख रुपये है, तो उनकी कर देनदारी बिना मार्जिनल रिलीफ के 61,500 रुपये होती है। लेकिन मार्जिनल रिलीफ के चलते उनकी कर देनदारी केवल 10,000 रुपये ही रहती है। इसका मतलब यह है कि उन्हें 51,500 रुपये की राहत मिलती है।
यह नया संशोधित आयकर स्लैब इनकम 12 लाख रुपये से लेकर 12.75 लाख रुपये तक के करदाताओं के लिए एक बड़ा तोहफा साबित हुआ है, क्योंकि अब उन्हें इस सीमा तक अपनी आय पर कोई बड़ा टैक्स नहीं देना होगा।
इस कदम से सरकार ने करदाताओं की वित्तीय राहत बढ़ाने का महत्वपूर्ण प्रयास किया है, और यह दर्शाता है कि बजट 2025-26 में मध्यवर्गीय और छोटे कारोबारियों को राहत देने पर विशेष ध्यान दिया गया है।