नई दिल्ली I कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने नई वीजा पॉलिसी लागू की है, जिसके कारण देश को अरबों डॉलर का नुकसान सहना पड़ सकता है। इंटरनेशनल कंसल्टेंट्स फॉर एजुकेशन एंड फेयर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अकेले ओंटारियो को अगले दो वर्षों में 1 अरब कनाडाई डॉलर का नुकसान होने की उम्मीद है।
इस नई इमीग्रेशन पॉलिसी का प्रभाव भारतीय छात्रों पर भी पड़ेगा, जिनकी संख्या कनाडा में काफी अधिक है। इस नीति के अंतर्गत, विदेशी नामांकन पर सीमाएं लागू की गई हैं, जिसके चलते साल 2024 में नई स्टडी परमिट में 35 प्रतिशत की कमी और 2025 में 10 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। इसके अलावा, छात्रों को स्टडी परमिट के लिए 20,000 कनाडाई डॉलर से अधिक की बचत की आवश्यकता होगी।
कनाडा में भारतीय छात्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। साल 2022 में भारत से स्टडी परमिट धारकों की संख्या में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जो कुल 3,19,000 से अधिक है। हालांकि, 2023 में अगस्त तक 1,37,445 भारतीय छात्रों को परमिट मिला है, जो कि पिछले साल की तुलना में चार प्रतिशत कम है।
ओंटारियो में कनाडा के कुल छात्रों का 40 प्रतिशत निवास करता है और इस इमीग्रेशन पॉलिसी का सबसे अधिक असर यहीं देखने को मिलेगा। काउंसिल ऑफ ओंटारियों यूनिवर्सिटीज के अध्यक्ष स्टीव ओरसिनी के अनुसार, इन नीतियों में बदलाव से ओंटारियो के विश्वविद्यालयों को 2024-25 में 30 करोड़ कनाडाई डॉलर और 2025-26 में 60 करोड़ कनाडाई डॉलर का खर्च आएगा।
