Varanasi : समाजवादी व्यापार सभा, उत्तर प्रदेश के एक प्रतिनिधिमंडल ने कैंट-लहरतारा फ्लाईओवर के नीचे स्थित Night Market के ध्वस्तीकरण के बाद प्रभावित दुकानदारों के पुनर्वास और क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर नगर आयुक्त अक्षत वर्मा को एक मांग पत्र सौंपा। इस मांग पत्र में दुकानदारों की आजीविका पर आए संकट को रेखांकित करते हुए तत्काल पुनर्वास और वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की गई। नगर आयुक्त ने आश्वासन दिया कि प्रभावित दुकानदारों को जल्द से जल्द वेंडिंग जोन में स्थान उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट, स्मार्ट सिटी योजना के तहत 2022 में कैंट-लहरतारा फ्लाईओवर के नीचे 10 करोड़ रुपये की लागत से 1.9 किमी लंबा Night Market स्थापित किया गया था। इस मार्केट में लगभग 125 दुकानें थीं, जिनका संचालन और रखरखाव श्रेया इंटरप्राइजेज नामक फर्म को 16 वर्षों के लिए सौंपा गया था। फर्म को प्रतिवर्ष 40 लाख रुपये नगर निगम को जमा करने थे, लेकिन तीन वर्षों में 1.20 करोड़ रुपये के बजाय मात्र 5 लाख रुपये जमा किए गए। अनुबंध के उल्लंघन और अनियमितताओं के चलते नगर निगम ने फर्म का अनुबंध रद्द कर दिया।

4 जुलाई 2025 की रात नगर निगम ने बुलडोजर से Night Market की दुकानों को ध्वस्त कर दिया, जिससे दुकानदारों की आजीविका संकट में पड़ गई। दुकानदारों का कहना है कि उन्होंने फर्म को लाखों रुपये एडवांस और किराया दिया था। समाजवादी व्यापार सभा ने इस कार्रवाई को “तुगलकी फरमान” करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला दिया, जिसमें रेहड़ी-पटरी वालों को उजाड़ने से पहले पुनर्वास की व्यवस्था अनिवार्य है। सभा ने निम्नलिखित मांगें उठाईं:
- श्रेया इंटरप्राइजेज की विश्वसनीयता की जांच: ठेका देने से पहले फर्म की पृष्ठभूमि क्यों नहीं जांची गई?
- स्मार्ट सिटी अधिकारियों की जवाबदेही: परियोजना की विफलता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जांच हो।
- आर्थिक क्षति की भरपाई: दुकानदारों की जमा राशि और किराए की वापसी सुनिश्चित की जाए।
- पुनर्वास की व्यवस्था: ध्वस्तीकरण से पहले वैकल्पिक स्थान क्यों नहीं दिया गया?
- वेंडिंग जोन की स्थापना: रेहड़ी-पटरी दुकानदारों के लिए वेंडिंग जोन कब और कहां बनाया जाएगा?

नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि प्रभावित दुकानदारों को जल्द से जल्द वेंडिंग जोन में स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक समिति गठित की गई है, जो वेंडिंग जोन चिह्नित कर दुकानदारों को वहां स्थापित करने का कार्य करेगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी और श्रेया इंटरप्राइजेज के खिलाफ पहले ही मुकदमा दर्ज किया जा चुका है और दुकानदार अपने बैंक ट्रांजैक्शन के आधार पर फर्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल ने Night Market के ध्वस्तीकरण को “तुगलकी फरमान” करार देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, रेहड़ी-पटरी वालों को उजाड़ने से पहले उनके पुनर्वास की व्यवस्था अनिवार्य है। सभा ने इस कार्रवाई को गरीब और मध्यमवर्गीय दुकानदारों का आर्थिक शोषण बताया। 18 जुलाई को सपा कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें Night Market दुकानदारों के पुनर्वास की मांग की गई।

Night Market में दुकान लगाने वाले व्यापारी गौरव जायसवाल ने बताया कि उनकी दुकानें रातोंरात तोड़ दी गईं, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ। उन्होंने कहा, “हमने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत श्रेया इंटरप्राइजेज को लाखों रुपये डोनेशन के रूप में दिए थे, और पांच साल का वैध एग्रीमेंट था।” दुकानदारों ने मांग की है कि उन्हें जल्द से जल्द वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराया जाए ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।


Night Market के ध्वस्तीकरण ने वाराणसी के छोटे दुकानदारों के सामने आजीविका का गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। समाजवादी व्यापार सभा द्वारा सौंपा गया मांग पत्र और उनके प्रदर्शन ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है, जिससे प्रशासन पर दबाव बढ़ा है। नगर आयुक्त के आश्वासन और वेंडिंग जोन की स्थापना की प्रक्रिया शुरू होने से दुकानदारों को कुछ राहत की उम्मीद है। हालांकि, श्रेया इंटरप्राइजेज और स्मार्ट सिटी अधिकारियों की जवाबदेही तय करना और दुकानदारों की आर्थिक क्षति की भरपाई करना अभी भी एक चुनौती है।