Varanasi : गंगा नदी पर पर्यटन को और आकर्षक बनाने के लिए Catamaran Cruise का संचालन अगस्त 2025 से शुरू होने की संभावना है। यह पर्यावरण-अनुकूल, हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक डबल इंजन से संचालित क्रूज गंगा के घाटों की सुंदरता को निहारने का अनूठा अनुभव प्रदान करेगा। पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह वाराणसी में गंगा पर संचालित होने वाला पाँचवाँ क्रूज होगा।
मूल रूप से क्रूज का संचालन अक्टूबर 2024 में शुरू होने वाला था, लेकिन टेंडर प्रक्रिया और तकनीकी समस्याओं के कारण इसमें देरी हुई। वर्तमान में गंगा का जलस्तर कम है, लेकिन मानसून के दौरान जलस्तर बढ़ने के बाद अगस्त से इसका संचालन शुरू करने की योजना है। अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के अनुसार, इस क्रूज का ट्रायल महाकुंभ 2025 के दौरान सफलतापूर्वक किया जा चुका है।

क्रूज की विशेषताएँ
- क्षमता: डबल-डेक क्रूज में 50 यात्री आराम से बैठ सकते हैं।
- पर्यावरण-अनुकूल: हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक इंजन से संचालित, यह क्रूज पूरी तरह प्रदूषण-मुक्त है।
- संगीत और डिजिटल डिस्प्ले: गंगा की लहरों पर संगीत के बीच सैलानी घाटों के इतिहास, महत्व और अतीत को डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड पर देख सकेंगे।
- रूट: प्रारंभ में क्रूज नमो घाट से रविदास घाट तक चलेगा। सफल ट्रायल के बाद इसे कैथी के मार्कंडेय धाम और चुनार तक विस्तारित किया जा सकता है।
पर्यटन को बढ़ावा
Catamaran Cruise वाराणसी के पर्यटन को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। सैलानी गंगा के किनारे बने ऐतिहासिक घाटों, जैसे दशाश्वमेध, मणिकर्णिका और अस्सी घाट, की सुंदरता को करीब से देख सकेंगे। यह क्रूज विशेष रूप से विदेशी पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। पर्यटन विभाग ने क्रूज की टिकट कीमतों को किफायती रखने की योजना बनाई है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।

महाकुंभ और तकनीकी सफलता

महाकुंभ 2025 के दौरान क्रूज का ट्रायल रन न केवल तकनीकी रूप से सफल रहा, बल्कि इसने पर्यटकों और तीर्थयात्रियों का ध्यान भी आकर्षित किया। IWAI के अनुसार, क्रूज की डिजाइन और संचालन प्रणाली गंगा की गहराई और प्रवाह को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। यह क्रूज कम जलस्तर में भी सुरक्षित रूप से चल सकता है, जो इसे वाराणसी के लिए आदर्श बनाता है।

पर्यटन विभाग और IWAI ने क्रूज के संचालन के लिए पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। पहले चरण में नमो घाट से रविदास घाट तक का रूट स्थापित किया जाएगा। यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो क्रूज को कैथी, मार्कंडेय धाम और चुनार तक विस्तारित किया जाएगा। इसके लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचे, जैसे डॉकिंग सुविधाएँ और चार्जिंग स्टेशन, विकसित किए जा रहे हैं।