CBI Raid: अनिल अंबानी की कम्पनी आरकॉम पर 2,000 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी का केस, छापेमारी जारी

CBI Raid: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और इसके प्रमोटर निदेशक अनिल अंबानी से जुड़े परिसरों पर कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में तलाशी शुरू की। अधिकारियों के अनुसार, इस धोखाधड़ी से भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। CBI ने इस सिलसिले में आरकॉम के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है और मुंबई, दिल्ली सहित कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

CBI के सूत्रों ने बताया कि यह तलाशी आरकॉम और अनिल अंबानी से संबंधित कार्यालयों और आवासीय परिसरों पर केंद्रित है। जांच एजेंसी इस मामले में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और अन्य सबूतों की तलाश कर रही है। यह कार्रवाई भारतीय स्टेट बैंक द्वारा की गई शिकायत के आधार पर शुरू की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि आरकॉम ने बैंक से लिए गए कर्ज का दुरुपयोग किया, जिसके परिणामस्वरूप भारी वित्तीय नुकसान हुआ।

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इससे पहले, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जुलाई 2025 में लोकसभा में एक लिखित उत्तर में जानकारी दी थी कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर मास्टर निर्देशों और बैंक की बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीतियों के तहत आरकॉम और उससे जुड़ी संस्थाओं को 13 जून 2025 को ‘धोखाधड़ी’ के रूप में वर्गीकृत किया गया था। उन्होंने बताया कि एसबीआई ने इस वर्गीकरण की सूचना 24 जून 2025 को आरबीआई को दी थी।

जांच से जुड़े CBI अधिकारियों ने बताया कि यह मामला आरकॉम द्वारा लिए गए कर्ज और उसकी चुकौती में अनियमितताओं से संबंधित है। एसबीआई ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने कर्ज के फंड का उपयोग गलत तरीके से किया, जिसके कारण बैंक को भारी नुकसान उठाना पड़ा। तलाशी के दौरान सीबीआई उन लेनदेन और दस्तावेजों की जांच कर रही है, जो इस धोखाधड़ी के पैटर्न को उजागर कर सकते हैं।

रिलायंस कम्युनिकेशंस पहले से ही वित्तीय संकट का सामना कर रही है और इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रक्रिया से गुजर रही है। कंपनी की समाधान योजना राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष लंबित है। अनिल अंबानी और उनकी कंपनियां पहले भी कई वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर चुकी हैं, जिसके कारण रिलायंस समूह की प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचा है।

CBI की यह कार्रवाई ऐसे समय में हो रही है, जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि दोनों जांच एजेंसियां इस मामले में समन्वय के साथ काम कर रही हैं ताकि धोखाधड़ी के पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।

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इस मामले में अभी तक अनिल अंबानी या आरकॉम की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। जांच के परिणामस्वरूप इस मामले में और अधिक खुलासे होने की संभावना है, जो रिलायंस समूह के लिए और चुनौतियां खड़ी कर सकता है। CBI ने कहा है कि जांच पूरी होने तक सभी संबंधित पहलुओं की गहन पड़ताल की जाएगी।

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