CBSE: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने छात्रों के लिए पढ़ाई के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत की है। बोर्ड ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCFSI 2023) के तहत कक्षा 9 में ओपन बुक असेसमेंट (ओबीए) लागू करने का फैसला किया है। यह नया सिस्टम CBSE द्वारा शैक्षणिक सत्र 2026-27 से शुरू होगा। इसके तहत साल में तीन बार पेन-पेपर परीक्षा होगी, जिसमें भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे मुख्य विषय शामिल होंगे।
क्यों है ओपन बुक असेसमेंट जरूरी?
NCFSI 2023 का उद्देश्य छात्रों को रटने की आदत से बाहर निकालकर उनकी सोच, समझ और विश्लेषण की क्षमता को बढ़ाना है। पारंपरिक परीक्षाओं में जहां छात्र याद करके उत्तर लिखते हैं, वहीं ओबीए में उन्हें किताब के साथ सवाल हल करने का मौका मिलेगा। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि परीक्षा आसान होगी। जवाब देने के लिए गहरी समझ और विश्लेषण की जरूरत होगी।
CBSE ने ओबीए की व्यवहार्यता जांचने के लिए एक पायलट स्टडी की थी। इस स्टडी में क्रॉस-कटिंग टॉपिक्स पर ध्यान दिया गया, जो विभिन्न विषयों से जुड़े थे। सिलेबस के आधार पर परखे गए छात्रों के स्कोर 12% से 47% के बीच रहे। अध्ययन में पाया गया कि ओबीए से छात्रों की तार्किक और समस्या-समाधान क्षमता में सुधार हुआ।

पायलट प्रोजेक्ट के दौरान शिक्षकों से भी फीडबैक लिया गया। अधिकांश शिक्षकों ने ओबीए का समर्थन किया और कहा कि यह छात्रों को विषय की गहरी समझ विकसित करने में मदद करेगा। हालांकि, कुछ शिक्षकों का मानना है कि शुरुआत में छात्रों को इस नए पैटर्न में ढलने में समय लग सकता है। CBSE ने साफ और संतुलित प्रश्नपत्र तैयार करने का भरोसा दिया है, ताकि सभी छात्रों के लिए परीक्षा का स्तर समान रहे।
छात्रों को मिलेंगे ये फायदे
- परीक्षा का डर होगा कम: किताब खुली होने से तुरंत याद करने का दबाव कम होगा।
- सोचने की क्षमता बढ़ेगी: छात्र याद करने की बजाय समझकर सवाल हल करेंगे।
- वास्तविक जीवन में उपयोग: पढ़ाई को असल जिंदगी की परिस्थितियों में लागू करने का मौका मिलेगा।
- रटने की आदत में कमी: विषय की गहरी समझ विकसित होगी, जो लंबे समय तक उपयोगी रहेगी।