Chaitra Navratri 2025 : देशभर में चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025) की धूम है, और भक्त माता के दर्शन के लिए मंदिरों की ओर उमड़ रहे हैं। भारत में मां दुर्गा के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे चमत्कारिक स्थल के बारे में बताएंगे, जहां तीन महाशक्तियां एक साथ विराजमान हैं। नवरात्रि के अवसर पर यहां भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है, क्योंकि मान्यता है कि यह ब्रह्मांड का एकमात्र स्थान है, जहां तीनों देवियां भक्तों के कष्ट हरती हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। आइए जानते हैं इस पवित्र स्थल के बारे में विस्तार से।
Chaitra Navratri 2025 : कहां स्थित है यह अद्भुत मंदिर?
जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं, वह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित विंध्य पर्वत पर स्थित है। इसे विंध्याचल धाम कहा जाता है और यह 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस पावन स्थल पर मां महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती एक साथ विराजमान हैं। इन तीनों महाशक्तियों का स्थान ईशान कोण में स्थित है, जिसे त्रिकोण कहा जाता है। श्रद्धालु मानते हैं कि इस लगभग 12 किलोमीटर में फैले त्रिकोण की पैदल यात्रा करने से माता उनकी इच्छाएं पूरी करती हैं।

घर पाने की मनोकामना होती है पूर्ण
कहते हैं कि प्राचीन काल में सभी देवी-देवताओं ने भी इस त्रिकोण की परिक्रमा की थी। इस पथ पर श्रद्धालु प्रतीकात्मक रूप से पत्थरों से छोटे-छोटे घर बनाते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त तीन बार आकर इस प्रक्रिया को दोहराता है, उसकी अपने घर की मनोकामना अवश्य पूरी होती है।
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नंगे पांव त्रिकोण यात्रा से मिलती है सिद्धि
मंदिर के पुजारी पंडित राजेश बताते हैं कि जो भी श्रद्धालु सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ त्रिकोण की परिक्रमा करता है, उसे अपार फल प्राप्त होते हैं। मान्यता यह भी है कि जो भक्त दुर्गा सप्तशती या देवी भागवत कथा का पाठ नहीं कर सकते, वे यदि त्रिकोण की यात्रा कर लें, तो उन्हें उसी के समान पुण्य प्राप्त होता है।

नवरात्रि के दौरान यह स्थल भक्ति और आस्था का केंद्र बन जाता है, जहां लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं और अपने जीवन की बाधाओं को दूर करने का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।