Chandra Grahan 2025 : वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती (Varanasi Ganga Aarti) इस बार कुछ अलग रही। 7 सितंबर को लगने वाले चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2025) के कारण आरती का समय बदल दिया गया और संध्या आरती को दोपहर में ही संपन्न कराया गया। सूतक काल शुरू होने से पहले गंगा सेवा निधि की ओर से श्रद्धालुओं के बीच विशेष आरती आयोजित की गई।

गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि चंद्रग्रहण की वजह से सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू हो गया था। इसलिए धार्मिक परंपरा के अनुसार आरती को उसी से पहले पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न कराया गया। वहीं, सुबह की आरती अपने तय समय पर हुई।
निधि के कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी ने बताया कि जब भी सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2025) होता है, तो पूजा-पाठ सूतक काल से पहले ही कर लिया जाता है। ग्रहण की अवधि को तीन हिस्सों में बांटा गया है और इस दौरान सभी धार्मिक अनुष्ठान रोक दिए जाते हैं। परंपरा का पालन करते हुए इस बार भी गंगा आरती समय से पहले कराई गई।

इस खास अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु घाट पर मौजूद रहे और दिव्य वातावरण में मां गंगा की आराधना की।
