हिंदू धर्म में लोग आस्था के महापर्व छठ का विशेष महत्व होता है, यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से षष्ठी तिथि तक चलता है। इन तीन दिनों में छठ पूजा की विशेष परंपराएं निभाई जाती हैं। आज नहाए खाए के साथ इस पर्व की शुरुआत होगी, आइए जानते है इस महापर्व का महत्व।
नहाए खाए से शुरू हुआ छठ पर्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पर्व की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है। इस वर्ष यह तिथि 5 नवंबर, मंगलवार यानी आज से छठ पर्व का आरंभ होगा। इस पहले दिन को ‘नहाय-खाय’ कहा जाता है। इस दिन महिलाएं अपने घरों की सफाई करती हैं और चने की दाल, लौकी की सब्जी और चावल जैसे सात्विक भोजन तैयार करती हैं।
छठ व्रत का दूसरा दिन: खरना
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को छठ व्रत का दूसरा दिन मनाया जाता है, जिसे ‘खरना’ कहा जाता है। इस बार यह 6 नवंबर, बुधवार को है। इस दिन व्रती महिलाएं गुड़ से बनी खीर का प्रसाद बनाती हैं और इसे रात के समय ग्रहण करती हैं। इसके बाद से 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ होता है।
छठ व्रत का मुख्य दिन कब है?
छठ पूजा का मुख्य दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होता है, जिसे ‘डाला छठ’ भी कहते हैं। इस वर्ष यह दिन 7 नवंबर, गुरुवार को पड़ेगा। इस दिन व्रती महिलाएं सूर्यास्त के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं और विभिन्न प्रकार की सामग्री, फल और मिठाई सूर्यदेव को भोग स्वरूप अर्पित करती हैं। इसके अगले दिन, 8 नवंबर, शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत का समापन होता है।
