वाराणसी। प्रतिबंधित चीनी मंझे की चपेट में आकर पिछले छह सालों में मासूम सहित पांच लोगों की जान जा चुकी है। ताजा मामला मंगलवार को चौकाघाट फ्लाईओवर का है, जहां एक युवक की जान चली गई। यही फ्लाईओवर अब तक तीन लोगों की मौत का गवाह बन चुका है।
चीन के मंझे पर रोक, फिर भी बिक्री जारी
भले ही चीन के मंझे की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगी है, लेकिन वाराणसी में इसका उपयोग धड़ल्ले से जारी है। पुलिस की लापरवाही और कमजोर निगरानी के कारण यह मंझा लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।
मासूम से लेकर बुजुर्ग तक बने शिकार
– 29 अगस्त 2020:नदेसर निवासी संदीप की 7 साल की बेटी कृतिका का गला पांडेयपुर फ्लाईओवर पर मंझे से कट गया था। पिता संदीप की अंगुली भी कट गई थी।
– 5 जून 2021: चौकाघाट फ्लाईओवर पर भदोही के आकाश शुक्ला (30) की मंझे से मौत हो गई थी।
– 15 जनवरी 2022: बिजली निगम के सेवानिवृत्त एसडीओ और शायर ओवैस अंसारी (65) का गला मंझे से कटने के कारण उनकी जान चली गई।
– 28 सितंबर 2018: सिगरा के मुन्ना विल्सन की भी चौकाघाट फ्लाईओवर पर मंझे से मौत हुई थी।
पुलिस करेगी जांच, दोषियों पर होगी कार्रवाई
अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) एस. चन्नप्पा ने कहा कि चीनी मंझे का इस्तेमाल और बिक्री प्रतिबंधित है। अगर कोई इस काम में पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
लगातार हो रही इन घटनाओं के बाद स्थानीय लोग प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि बाजार में खुलेआम बिक रहे इन खतरनाक मंझों पर तत्काल रोक लगाई जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।