Chirag Paswan : बिहार में पिछले कुछ समय से चर्चाएं तेज थीं कि क्या चिराग पासवान (Chirag Paswan) विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या केवल सोशल मीडिया पर सक्रिय रहेंगे। लेकिन जब भोजपुर की जनता के बीच मंच पर खड़े चिराग पासवान ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा और 243 सीटों पर लड़ूंगा,” तो यह साफ हो गया कि वह अब चुनावी मैदान में पूरी ताकत से उतर चुके हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, यह फैसला वे जनता पर छोड़ेंगे।
बिहार के लिए लड़ाई सिर्फ सत्ता की नहीं- Chirag Paswan
चिराग (Chirag Paswan) ने स्पष्ट किया कि उनका यह चुनाव केवल सत्ता पाने का संघर्ष नहीं है, बल्कि बिहार के सम्मान और विकास के लिए है। इस बयान से उन्होंने अपनी राजनीतिक सक्रियता को और भी मजबूती दी और आलोचकों को चुप करा दिया।
अपने भाषण में चिराग ने बिहार के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर गंभीर चर्चा की। उन्होंने सीधे तौर पर कांग्रेस और आरजेडी की नीतियों पर सवाल उठाए और भाजपा-नीतीश कुमार के गठबंधन को सामाजिक न्याय और विकास का सच्चा प्रतिनिधि बताया।
“2025 बिहार के लिए निर्णायक साल”
चिराग ने कहा कि यह साल बिहार के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जब लोग अगले पांच वर्षों के लिए अपना नेतृत्व चुनेंगे। उन्होंने जनता से अपील की कि वे किसी भी नेता या पार्टी के वादों पर बिना जांच-परख के भरोसा न करें, बल्कि देखें कि अब तक उन्होंने क्या किया है।
कांग्रेस और आरजेडी दोनों जिम्मेदार: चिराग
चिराग ने कहा कि कांग्रेस और आरजेडी ने मिलकर कर्पूरी ठाकुर की सरकार गिराई थी, और 80 के दशक से लेकर लालू यादव के शासनकाल तक जो “जंगलराज” का दौर चला, उसकी जिम्मेदारी भी इन दोनों पार्टियों पर बराबर है। उन्होंने बताया कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का काम उनकी सरकार ने किया था, न कि कांग्रेस या आरजेडी।

“बिहार को आगे बढ़ाने का सपना”
चिराग ने बताया कि उन्होंने ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की नीति शुरू की ताकि बिहार के लोगों को शिक्षा और रोजगार के लिए बाहर न जाना पड़े। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी और परिवार को तोड़ने की साजिश हुई, लेकिन वे हार नहीं माने क्योंकि वे “शेर के बेटे” हैं। चिराग ने कहा कि वे सिर्फ एक नेता के तौर पर नहीं बल्कि एक बेटे की तरह लड़ रहे हैं, ताकि बिहार ऐसा बने जहां हर बच्चा पढ़े और हर युवा को रोजगार मिले, और कोई पलायन न करे।