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काशी विश्वनाथ मंदिर बनेगा देश के अन्य मंदिरों का ‘रोल मॉडल’, अब देगा मंदिर प्रबंधन की कंसल्टेंसी 

 
 काशी विश्वनाथ मंदिर बनेगा देश के अन्य मंदिरों का ‘रोल मॉडल’, अब देगा मंदिर प्रबंधन की कंसल्टेंसी 
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वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम की स्थापना के चौथे वर्ष में काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद ने बड़ा फैसला लिया है। अब काशी विश्वनाथ मंदिर पूरे देश के बड़े धार्मिक संस्थानों को अपना सफल मंदिर प्रबंधन मॉडल सिखाएगा और कंसल्टेंसी के रूप में पूरी मदद मुहैया कराएगा।

परिषद ने मंदिर प्रबंधन की विस्तृत एसओपी (Standard Operating Procedure) और मॉडल तैयार कर लिया है। इसके तहत देश का कोई भी धार्मिक ट्रस्ट या मंदिर प्रशासन अगर काशी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर अपने यहां आधुनिक सुविधाएं, भीड़ प्रबंधन, स्वच्छता और श्रद्धालु-केंद्रित व्यवस्था लागू करना चाहे तो काशी विश्वनाथ मंदिर उसकी तकनीकी एवं प्रबंधकीय मदद करेगा।

मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि स्थापना के मात्र चार साल में 26 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने यहां दर्शन किए हैं। खास बात यह है कि इस वर्ष के महाकुंभ के डेढ़ महीने में ही रिकॉर्ड 2.87 करोड़ श्रद्धालु काशी विश्वनाथ के दर्शन को पहुंचे। इस अभूतपूर्व भीड़ को बिना किसी बड़ी अफरा-तफरी के संभालने का अनुभव ही अब देश के अन्य मंदिरों के काम आएगा।

काशी मॉडल की प्रमुख खूबियां  
- आधुनिक कॉरिडोर और भक्त सुविधा केंद्र से प्रवेश-निकास पूरी तरह सुगम  
- एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के जरिए रियल-टाइम भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा  
- मंदिर परिसर को पूरी तरह प्लास्टिक-मुक्त करना, फूल-प्रसाद में भी प्लास्टिक पर रोक  
- ऑनलाइन दर्शन, टिकट बुकिंग, लाइव दर्शन और हेल्प डेस्क जैसी डिजिटल सुविधाएं  
- त्योहारों व मेलों में भी शांतिपूर्ण और व्यवस्थित दर्शन की मिसाल  

सीईओ विश्वभूषण मिश्र ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम अब सिर्फ आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि आधुनिक मंदिर प्रबंधन का रोल मॉडल बन चुका है। हमारा लक्ष्य है कि देश के हर बड़े तीर्थ का प्रबंधन उतना ही सुगम, स्वच्छ और श्रद्धालु-अनुकूल हो जाये जितना काशी में हो गया है।”

इस पहल से तिरुपति, वैष्णो देवी, जगन्नाथ पुरी, सोमनाथ, रामेश्वरम जैसे प्रमुख मंदिरों सहित सैकड़ों अन्य धार्मिक संस्थानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। काशी विश्वनाथ मंदिर अब “देव दर्शन” के साथ-साथ “देव प्रबंधन” का भी गुरु बनने जा रहा है।