नई दिल्ली। भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय और अभिलेखागार के उद्घाटन समारोह में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) वकील के ज्ञान से प्रभावित होने का संकेत दिया।
सीजेआई ने जब एआई वकील से पूछा कि क्या भारत में मृत्युदंड संवैधानिक है,तो एआई वकील ने जवाब दिया कि यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दुर्लभतम मामलों के लिए रिजर्व है, जहां अपराध असाधारण रूप से जघन्य होते हैं। इस उत्तर पर सीजेआई ने प्रशंसा जताई।
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने न्यायिक संग्रहालय की महत्वता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह संग्रहालय सुप्रीम कोर्ट के चरित्र और देश के न्यायिक तंत्र के महत्व को दर्शाता है। उन्होंने संग्रहालय को युवा पीढ़ी के लिए एक संवादात्मक स्थल बनाने की अपील की, ताकि वे कानून के शासन और न्याय के कामकाजी माहौल का अनुभव कर सकें। समारोह में आगामी चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और सुप्रीम कोर्ट के अन्य जज भी मौजूद थे।