नई दिल्ली I यूरोपीय जलवायु एजेंसी कॉपरनिकस ने अपनी रिपोर्ट में 2024 को दुनिया के लिए एक गंभीर चेतावनी के रूप में पेश किया है। एजेंसी के अनुसार, इस वर्ष का औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में कम से कम 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहेगा। यह दूसरा साल है जब अक्तूबर को इतिहास में सबसे गर्म महीने के रूप में दर्ज किया गया है।
कॉपरनिकस के निदेशक, कार्लो बुओनटेंपो ने कहा कि वायुमंडलीय ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ते स्तर के कारण यदि वैश्विक गर्मी को नियंत्रित नहीं किया गया, तो धरती पर इस तरह का रिकॉर्ड तोड़ तापमान जारी रहेगा। सामंथा बर्गेस, उप निदेशक, कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने बताया कि 2024 का वार्षिक तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने की संभावना है और यह जलवायु परिवर्तन सम्मेलन सीओपी29 के लिए एक उत्प्रेरक साबित होगा।