Lucknow : योगी सरकार(CM Yogi ) किसानों की भलाई के लिए एक बार फिर संजीदा दिख रही है। रबी विपणन वर्ष 2025-26 में गेहूं खरीद अभियान को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में गेहूं खुले में न रखा जाए, उसे तत्काल गोदामों में सुरक्षित किया जाए। साथ ही अवकाश के दिनों में भी क्रय केंद्रों को चालू रखने का आदेश देकर यह सुनिश्चित किया गया है कि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

गेहूं खरीद की प्रमुख उपलब्धियाँ :-
- 3.67 लाख से अधिक किसानों ने कराया पंजीकरण
- 27388 किसानों से खरीदा गया 1.43709 लाख मीट्रिक टन गेहूं
- 5784 क्रय केंद्रों से जारी है खरीद
- दो दिन में 7000 से अधिक नए किसान जुड़े अभियान से
मुख्य निर्देश व प्रावधान :-
- गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): ₹2425 प्रति कुंतल
- कटाई, छनाई, सफाई हेतु अतिरिक्त ₹20 प्रति कुंतल का भुगतान
- 48 घंटे के भीतर भुगतान की गारंटी
- 100 कुंतल तक की बिक्री बिना सत्यापन के सिर्फ पंजीकरण के आधार पर
- मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से खेत तक पहुंचकर किया जा रहा तौल
- महावीर जयंती जैसे छुट्टियों में भी क्रय केंद्र रहे सक्रिय
- क्रय केंद्रों पर बैठने, पेयजल व अन्य सुविधाएं सुलभ
- किसानों की सहायता हेतु टोल फ्री नंबर: 18001800150

योगी सरकार के बीते 8 वर्षों में लगभग 50 लाख किसानों को सीधे एमएसपी का लाभ देते हुए ₹43424.44 करोड़ का भुगतान किया गया। इसकी तुलना में सपा शासन में सिर्फ 19 लाख किसानों को ₹12808.67 करोड़ का भुगतान हुआ था।
सरकार के अनुसार अब गेहूं खरीद पूरी तरह बिचौलियों से मुक्त हो चुकी है। खरीद सीधे किसानों से कर भुगतान सीधे उनके खाते में किया जा रहा है। इससे किसानों को न केवल सही मूल्य मिल रहा है, बल्कि प्रक्रिया में भी पारदर्शिता आई है।
विशेष बातें एक नजर में :-

- खुले में न रहे अन्न, तत्काल गोदामों में सुरक्षित करने का निर्देश
- क्रय केंद्र 8 AM से 8 PM तक खुला, मौसम के अनुसार समय निर्धारण
- मोबाइल क्रय केंद्रों के जरिए खेत पर ही खरीद प्रक्रिया पूरी
- किसानों की शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर व ऑनलाइन पंजीकरण विकल्प
- UP KISHAN MITRA ऐप और पोर्टल fcs.up.gov.in पर पंजीकरण की सुविधा
- बटाईदार किसानों को भी मिल रहा लाभ
कृषि नीति विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के प्रयासों से न केवल किसानों का भरोसा सरकारी तंत्र पर बढ़ता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है।