Lucknow : उत्तर प्रदेश में बाढ़ के बढ़ते खतरे के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के निर्देशों पर प्रशासन और राहत एजेंसियां पूरी तरह मुस्तैद हैं। अब तक राज्य के 17 जिलों में बाढ़ से प्रभावित 1,16,403 लोगों को राहत पहुंचाई जा चुकी है, जबकि हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। बाढ़ की विकट परिस्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की 77 टीमें लगातार राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं।

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी के मुताबिक, प्रदेश की 40 तहसीलें और 694 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इन इलाकों में 11,386 हेक्टेयर से अधिक खेती की जमीन डूब चुकी है। गाज़ीपुर, बलिया, वाराणसी, प्रयागराज, चंदौली जैसे ज़िले बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हैं।
राहत पहुंचाने में जुटी टीमें :
- एनडीआरएफ की 14, एसडीआरएफ की 15 और पीएसी की 48 टीमें सक्रिय हैं।
- 738 नावों और मोटरबोट्स की सहायता से प्रभावित गांवों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
- 4,867 अतिरिक्त नावें भी अलर्ट मोड पर तैयार रखी गई हैं।
- भोजन, चिकित्सा और सुरक्षित ठिकानों की व्यवस्था 9,467 खाद्यान्न किट और 1,18,769 लंच पैकेट वितरित किए जा चुके हैं।
- 39 लंगर केंद्रों के माध्यम से ताजा भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
- 2,234 क्विंटल भूसा मवेशियों के लिए वितरित किया गया।
- 924 बाढ़ शरणालयों में अभी 18,772 लोग शरण लिए हुए हैं।
- 778 मेडिकल टीमें लगातार शिविरों में स्वास्थ्य जांच कर रही हैं।
- अब तक 1,57,168 क्लोरीन टैबलेट और 1,21,476 ओआरएस पैकेट वितरित किए गए हैं।

प्रदेश सरकार (CM Yogi) की मुस्तैदी से अब तक 25,586 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 4,682 मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, 356 लोगों को राहत राशि भी प्रदान कर दी गई है।

प्रदेश में 1,193 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, जो जलस्तर, विस्थापन और बचाव की स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमों द्वारा रात्रिकालीन पेट्रोलिंग भी सुनिश्चित की जा रही है।
