Varanasi : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दूसरे दिन वसंत महिला महाविद्यालय में एक अनूठे अवतार में नजर आए। बिरसा मुंडा पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे CM Yogi कुछ पलों के लिए शिक्षक की भूमिका में आए, जहां उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी, पार्टी नेता और महाविद्यालय की प्रिंसिपल विद्यार्थियों की तरह उनकी कक्षा में शामिल हुए।
गंगा के तट पर और प्रकृति की गोद में बसे इस महाविद्यालय के प्राकृतिक परिवेश ने गुरुकुल की याद ताजा कर दी। इस अनोखे सत्र ने पर्यावरण संरक्षण का महत्वपूर्ण संदेश दिया और सभी के लिए प्रेरणादायक रहा।

वसंत महिला महाविद्यालय का प्रांगण, जो हरे-भरे वृक्षों और प्राकृतिक सुंदरता से घिरा है, मुख्यमंत्री के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। ओपन क्लास व्यवस्था को देखकर CM Yogi ने कहा कि आज जब कंक्रीट के जंगल शहरों को घेर रहे हैं, यह परिसर प्रकृति के साथ तालमेल और गुरुकुल परंपरा का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने शिक्षक की कुर्सी संभाली और पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाया। इस दौरान उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी और पार्टी नेता विद्यार्थियों की तरह उत्साहपूर्वक शामिल हुए। महाविद्यालय की प्रिंसिपल भी इस सत्र में एक छात्र की तरह उपस्थित रहीं, जिसने इस नजारे को और भी रोचक बना दिया।
CM Yogi ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर बल देते हुए कहा कि प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने परिसर में पारिजात का पौधा रोपकर पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया। महाविद्यालय की ओर से उन्हें तुलसी का पौधा भेंट किया गया, जो भारतीय संस्कृति में पवित्रता और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है। इस अवसर पर सीएम ने छात्रों और शिक्षकों को अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने और पर्यावरण को संरक्षित करने का आह्वान किया।

राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए CM Yogi ने आदिवासी नायक बिरसा मुंडा के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा ने प्रकृति और संस्कृति के संरक्षण के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया, जो आज भी प्रेरणा का स्रोत है। इस संगोष्ठी ने वाराणसी की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को और समृद्ध किया।
CM Yogi ने शिक्षकों और छात्रों के अनुरोध पर ग्रुप फोटोग्राफी के लिए समय निकाला, जिसने इस सत्र को और यादगार बना दिया। उनकी सादगी और सहजता ने सभी का दिल जीत लिया। छात्रों ने इस अनुभव को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि सीएम का पर्यावरण संरक्षण का संदेश उनके लिए एक मार्गदर्शन है।

CM Yogi का वसंत महिला महाविद्यालय में शिक्षक की भूमिका में आना और पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाना वाराणसी के लिए एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक क्षण रहा। यह सत्र न केवल प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ, बल्कि गुरुकुल परंपरा और आधुनिक शिक्षा के मेल को भी रेखांकित किया। बिरसा मुंडा पर संगोष्ठी के माध्यम से आदिवासी नायकों के योगदान को सम्मान देने और पर्यावरण संरक्षण के लिए पारिजात का पौधा रोपने जैसे कदमों ने इस दौरे को सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से और समृद्ध किया।

सीएम का यह अनूठा प्रयास छात्रों, शिक्षकों, और समाज के लिए पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और सतत विकास के महत्व को समझाने में मील का पत्थर साबित होगा। यह पहल वाराणसी को न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए एक प्रेरणास्रोत के रूप में भी स्थापित करेगी।