Varanasi : गंगा और वरुणा नदी के उफान के कारण वाराणसी में बाढ़ से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। असुविधाओं और अव्यवस्थाओं से जूझते इन शिविरों की सच्चाई जानने के लिए Congress ने हस्तक्षेप किया और प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी। घरों से उजड़े ये लोग राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं, लेकिन इन शिविरों की हालत खुद किसी संकट से कम नहीं है।
जिला Congress अध्यक्ष राजेश्वर पटेल और महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में गठित निरीक्षण दल ने शहर के विभिन्न राहत शिविरों का दौरा किया। उनकी रिपोर्ट चिंताजनक है:
- एक ही शौचालय का सैकड़ों लोग कर रहे हैं इस्तेमाल, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा।
- स्वच्छ पेयजल की घोर कमी; कई जगहों पर लोग गंदा पानी पीने को मजबूर।
- महिलाओं और बच्चों के लिए कोई विशेष सुरक्षा व्यवस्था नहीं।
- मेडिकल टीम और दवाओं का अभाव, बीमारियों का खतरा बना हुआ है।
- भोजन की आपूर्ति अनियमित, दो वक्त की रोटी के लिए कतार और इंतजार।

निरीक्षण के बाद Congress प्रतिनिधियों ने अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर स्थिति में सुधार की मांग की। ज्ञापन में यह प्रमुख मांगें रखी गईं:
- सभी शिविरों में मेडिकल टीम, एम्बुलेंस और मोबाइल स्वास्थ्य सेवा तत्काल भेजी जाए।
- नियमित और पौष्टिक भोजन की व्यवस्था हो।
- महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
- बाढ़ को ‘वार्षिक रूटीन’ समझने की मानसिकता बदली जाए।

Congress नेताओं ने तीखा प्रहार करते हुए कहा कि वाराणसी में फोटो खिंचवाने वाले नेता तो हैं, पर फील्ड में राहत देने वाला कोई नहीं। यह त्रासदी प्राकृतिक हो सकती है, पर पीड़ितों के साथ व्यवहार प्रशासनिक विफलता का परिणाम है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या वाराणसी अब सिर्फ चुनावी सभाओं का मंच बन कर रह गया है। जब बाढ़ आती है, सरकार गायब हो जाती है और जब बाढ़ जाती है, तब राहत पैकेज की घोषणाएं आती हैं।

इस मौके पर दर्जनों Congress कार्यकर्ता और नेता भी उपस्थित रहे, जिन्होंने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
