New Delhi : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री Omar Abdullah के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर दिए बयान को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अब्दुल्ला ने हाल ही में नसीहत भरे लहजे में कहा था कि ईवीएम पर सवाल उठाना उचित नहीं है, खासकर तब जब हारने पर इसे दोष दिया जाता है और जीतने पर स्वीकार किया जाता है। इस पर जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रभारी और राज्यसभा सांसद सैयद नासिर हुसैन ने जवाब देते हुए कहा कि दोनों दल अलग-अलग विचारधाराओं वाले हैं और हर दल का अपना दृष्टिकोण होता है।

श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत में सैयद नासिर हुसैन ने कहा कि हर दल का किसी मुद्दे पर अपना ओपिनियन होता है। अगर ऐसा न हो तो हम एक ही पार्टी होते। चुनाव आयोग को लेकर हमारी राय स्पष्ट है। महाराष्ट्र, हरियाणा और अन्य राज्यों में चुनाव आयोग की चूक को हमने गहनता से अध्ययन किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि महाराष्ट्र में अचानक 55 लाख मतदाता कैसे बढ़ गए? खासकर 30 सीटों पर 8% और 12 सीटों पर 14% वोटिंग प्रतिशत में वृद्धि कैसे हुई? उन्होंने पूछा कि चुनिंदा सीटों पर वोटिंग प्रतिशत अचानक क्यों बढ़ा? इलेक्टोरल लिस्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जाता, जबकि कोर्ट ने भी इसे पब्लिक करने का आदेश दिया है।

Pahalgam में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, को लेकर भी हुसैन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह इंटेलिजेंस की चूक थी, जिसे सरकार ने भी स्वीकार किया है। बैसरन में तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए थी, जो नहीं थी। इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार को लेनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमले के बाद पूरा देश एकजुट होकर सरकार के साथ खड़ा था और कांग्रेस पहली पार्टी थी जिसने सरकार का समर्थन किया। लेकिन उन्होंने सवाल उठाया, “वो तीन-चार आतंकवादी अब कहां हैं? सुरक्षा में चूक क्यों हुई? लोकतंत्र में ऐसे सवाल उठाना हमारा अधिकार है।

हुसैन ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर हम सरकार के साथ खड़े हैं, लेकिन जहां जनता के सवाल हैं, वहां हम आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई का समर्थन करती है, लेकिन सुरक्षा खामियों की जवाबदेही तय करना भी जरूरी है।
उमर अब्दुल्ला ने 15 दिसंबर 2024 को ईवीएम पर कांग्रेस की आलोचना को खारिज करते हुए कहा था कि जब आप ईवीएम से जीतकर संसद में 100 से अधिक सीटें हासिल करते हैं और जश्न मनाते हैं, तो बाद में यह कहना कि ईवीएम ठीक नहीं हैं, दोहरा मापदंड है।” इस बयान ने इंडिया गठबंधन में तनाव की अटकलों को हवा दी थी। सैयद नासिर हुसैन के जवाब ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर सहयोग बना रहेगा।

पहलगाम हमले को लेकर उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में भावुक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि मेरे पास पीड़ितों के परिवारों से माफी मांगने के लिए शब्द नहीं हैं। आतंकवाद को खत्म करने के लिए जनता का सहयोग जरूरी है, लेकिन बेगुनाहों को निशाना बनाने से बचना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस हमले के नाम पर जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा नहीं मांगेंगे, क्योंकि यह उनकी राजनीति को सस्ता बनाएगा।
