नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 75वें संविधान दिवस के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने भारतीय न्याय प्रणाली में हो रहे परिवर्तनों पर जोर देते हुए नई न्याय संहिता को त्वरित और न्यायसंगत प्रणाली का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि दंड आधारित व्यवस्था अब न्याय आधारित व्यवस्था में बदल चुकी है।
पीएम मोदी ने इस मौके पर बताया कि भारतीय संविधान की ताकत और लोकतंत्र की शक्ति के चलते इस साल जम्मू-कश्मीर में पहली बार संविधान दिवस मनाया गया। उन्होंने कहा कि यह हमारे संविधान की ताकत है कि आज जम्मू-कश्मीर में भी बाबा साहब का संविधान पूरी तरह से लागू हो पाया है।
प्रधानमंत्री ने संविधान निर्माताओं के दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने देश की बदलती आकांक्षाओं और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए संविधान को एक जीवंत और प्रवाहमान धारा बनाया। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने इसे महज कानून की किताब नहीं, बल्कि एक ऐसी धारा बनाया, जो समय के साथ भारतीय समाज की जरूरतों को पूरा कर सके।
26/11 आतंकी हमले को दी श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने 26 नवंबर को मुंबई में हुए 2008 के आतंकी हमले की बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि मुंबई हमले में जिनकी जान गई, उन्हें मैं श्रद्धांजलि देता हूं। भारत का यह संकल्प है कि देश की सुरक्षा को चुनौती देने वाले हर आतंकी संगठन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत आज एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और संविधान इस यात्रा में एक मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए संविधान को महत्वपूर्ण आधार बताया।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ न्यायपालिका और विधायिका के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। यह दिन संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और भारतीय लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया।