नई दिल्ली I कोरोना वायरस (Covid-19) एक बार फिर वैश्विक स्तर पर चिंता का कारण बन गया है। एशियाई देशों में इसके मामले तेजी से बढ़ते दिख रहे हैं और अब भारत में भी इसका असर दिखना शुरू हो गया है। 22 मई, गुरुवार तक देश में कुल 257 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं।
भारत में Covid-19 के कहां कितने केस?
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, 12 से 19 मई के बीच भारत में 164 नए मामले सामने आए। सबसे ज्यादा केस केरल में (95), इसके बाद तमिलनाडु (66) और महाराष्ट्र (56) में पाए गए हैं। केरल में मामलों में 69 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

हल्के लक्षण, 2 मौतें दर्ज
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, अधिकतर मामले हल्के हैं। हालांकि महाराष्ट्र में 2 लोगों की मौत दर्ज की गई है, दोनों को पहले से गंभीर बीमारियां (कोमोरबिडिटी) थीं। इससे संकेत मिलता है कि Covid-19 वायरस का असर आम लोगों पर अभी सीमित है।
ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट JN.1 है प्रमुख वजह
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा Covid-19 संक्रमणों के लिए ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स, विशेषकर JN.1 जिम्मेदार है। कुछ क्षेत्रों में LP.8.1 वैरिएंट भी सक्रिय पाया गया है।
WHO की नजर में JN.1 कितना खतरनाक?
डॉ. अनीश सिन्हा, महामारी विशेषज्ञ, डियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, गांधीनगर के अनुसार, WHO ने JN.1 को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत किया है। इसका मतलब यह है कि यह फिलहाल गंभीर रूप से खतरनाक नहीं है लेकिन इस पर नज़र रखी जा रही है।
बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग रहें सतर्क
विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही Covid-19 JN.1 वैरिएंट घातक न हो, लेकिन यह वैक्सीनेशन से बनी प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में सक्षम है। ऐसे में कोमोरबिडिटी से ग्रसित लोग, बुजुर्ग और छोटे बच्चों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।