CRED: नौकरी चाहिए तो पहले दिखाइए क्रेडिट स्कोर, क्रेड की नई नीति ने छेड़ी कॉर्पोरेट हायरिंग में ‘वित्तीय अनुशासन’ की बहस

Bengaluru : भारत के प्रमुख फिनटेक यूनिकॉर्न क्रेड (CRED) ने नियुक्तियों में क्रेडिट स्कोर को एक मानदंड बनाकर कॉर्पोरेट संस्कृति में एक नई बहस को जन्म दिया है। कंपनी अब अपनी टीम में केवल उन्हीं उम्मीदवारों को शामिल करती है, जिनका क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक हो।

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क्रेड, जिसकी स्थापना सीरियल एंटरप्रेन्योर कुणाल शाह (Serial Entrepreneur) ने की थी, आज एक 1000 से अधिक कर्मचारियों वाली फिनटेक कंपनी(fintech company) है, जिसका बाजार मूल्यांकन ₹100 करोड़ से अधिक है। हालांकि यह स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं है, लेकिन यह भारत के सबसे चर्चित यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स में से एक है।

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क्रेड के सीईओ कुणाल शाह ने कहा कि हम एक स्वस्थ और अनुशासित क्रेडिट संस्कृति को बढ़ावा देना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कि हमारे अपने कर्मचारी भी उसी अनुशासन के प्रतीक हों। उन्होंने बताया कि क्रेडिट स्कोर केवल एक नंबर नहीं, बल्कि एक व्यक्ति की वित्तीय ज़िम्मेदारी और अनुशासन का दर्पण होता है। 750+ स्कोर वाले लोग आम तौर पर डिफॉल्ट नहीं करते,ऐसे लोग वित्तीय निर्णयों में परिपक्व और विश्वसनीय माने जाते हैं।

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क्रेड केवल उच्च स्कोर वालों को नौकरी देने तक सीमित नहीं है। जिन उम्मीदवारों की क्रेडिट हिस्ट्री कमज़ोर होती है, उन्हें एक डैशबोर्ड सुविधा दी जाती है,वे अपने स्कोर को ट्रैक कर सकते हैं। समयबद्ध सुधार का लक्ष्य तय किया जाता है।

कुणाल शाह ने कहा कि आज जब उपभोक्तावाद का प्रभाव बढ़ रहा है और बचत की आदतें कम हो रही हैं, ऐसे समय में युवाओं को वित्तीय अनुशासन का पाठ पढ़ाना जरूरी है। वे मानते हैं कि यदि हम समृद्ध भारत की कल्पना करते हैं, तो नागरिकों को क्रेडिट के प्रति जिम्मेदार सोच अपनानी होगी।

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फिनटेक कंपनी होने के नाते, क्रेड वित्तीय नैतिकता और अनुशासन को सबसे ऊपर मानता है। कंपनी अपने कर्मचारियों को केवल टेक्निकल स्किल्स से नहीं, बल्कि वित्तीय अनुशासन से भी जोड़ना चाहती है। यह नीतिगत निर्णय देश में एक सशक्त क्रेडिट कल्चर विकसित करने की दिशा में उठाया गया कदम है।

क्रेड का यह कदम भारत के कॉर्पोरेट हायरिंग मॉडल(corporate hiring model) को एक नया आयाम दे सकता है, जहाँ अब रिज़्यूमे के साथ-साथ क्रेडिट स्कोर भी निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

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