Textile Industry के नाम पर चल रहा था फ्रॉड जॉब रैकेट, वाराणसी में 11 ठग गिरफ्तार
वाराणसी: सारनाथ थाना क्षेत्र में पुलिस और साइबर टीम ने फर्जी टेक्सटाइल कंपनी के नाम पर चल रहे बड़े फ्रॉड जॉब गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह युवाओं को नौकरी देने के नाम पर पैसे लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) जारी करता था। पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
कैसे चलता था ठगी का रैकेट
आरोपी RRMV नाम की एक फर्जी कंपनी के नाम से देशभर के अलग-अलग जिलों के युवाओं को जॉब का ऑफर भेजते थे। इसके बाद उन्हें वाराणसी बुलाया जाता था, जहाँ ट्रेनिंग और रूम रेंट के नाम पर पैसे वसूले जाते थे। युवाओं को ₹10,000 नकद और ₹2,850 रूम व खाने के नाम पर जमा कराने को कहा जाता था। बाद में उन्हें बताया जाता था कि यह कंपनी टेक्सटाइल बिजनेस करती है और उन्हें कपड़े बेचने का काम मिलेगा।

फर्जी लेटरहेड और वेबसाइट का जाल
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने “TEXTILE INDUSTRY” और “GARMENT TEXTILE INDUSTRY PRIVATE LIMITED” नाम से फर्जी लेटरहेड और वेबसाइट https://zeriatex.com बनाई थी। इन्हीं के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कर उम्मीदवारों को भेजे जाते थे।
26 अक्टूबर की शाम पुलिस को अमरेश यादव नामक युवक की शिकायत मिली थी, जिसमें उसने फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगी की बात बताई। जांच में पुलिस और साइबर टीम ने मिलकर RRMV कंपनी के ऑफिस (कृष्णानगर कॉलोनी, पहड़िया) में छापा मारा। मौके पर करीब 50 युवक-युवतियां मौजूद थे।
पूछताछ में पता चला कि कंपनी के लोग उन्हें नेटवर्क मार्केटिंग के जरिए कपड़े बेचने का प्रशिक्षण देते थे और पैसे ठगते थे। पुलिस ने मौके से 22 फर्जी नियुक्ति पत्र, 19 रूम मैनेजमेंट फॉर्म और 10 मोबाइल फोन जब्त किए हैं। जांच में पाया गया कि इस ठगी में 24 लड़के और 14 लड़कियां यानी कुल 38 लोग शिकार बने थे।
पुलिस ने इस मामले में कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें, अमन वर्मा (सुल्तानपुर), अनुराग (प्रयागराज), प्रदीप कुमार (प्रयागराज), अनीस तिवारी (मुजफ्फरपुर, बिहार), आलोक श्रीवास्तव (मुंबई), राजू शुक्ला (भदोही), विकास कुमार (वैशाली, बिहार), सुहेल शेख (धनबाद, झारखंड), मोहम्मद अय्यूब (प्रतापगढ़), आकाश चंद (गोरखपुर), रवि प्रकाश शामिल हैं।
पूछताछ में सभी आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि कंपनी के मालिक रवि प्रकाश और रवींद्र के साथ मिलकर उन्होंने यह फर्जी जॉब स्कीम चलाई थी। कमाई न होने के कारण उन्होंने फर्जी लेटरहेड तैयार कर देशभर के युवाओं से ठगी करने की साजिश रची थी।
सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 319(2), 318(4), 336(3), 338, 340(2), और 3(5) BNS के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की भी तलाश की जा रही है।
