आजमगढ़ I आजमगढ़ जिले की पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर 95 करोड़ रुपये की साइबर ठगी (Cyber Fraud) करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में सात अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया और 208 बैंक खातों से 1 करोड़ रुपये फ्रीज किए गए हैं। साथ ही 15 लाख रुपये मूल्य का सामान बरामद किया गया, जिसमें 20 हजार रुपये नकद, 51 मोबाइल फोन, 4 लैपटॉप, 42 एटीएम कार्ड, 13 बैंक पासबुक, 79 सिम कार्ड, 4 चेकबुक और 1 फाइबर राउटर शामिल हैं।
कैसे करते थे ठगी?
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह ‘क्रिकेट बज’ नामक अवैध ऑनलाइन गेम के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे व्हाट्सएप, टेलीग्राम और फेसबुक पर लोगों को लुभाता था। अभियुक्त विज्ञापनों के जरिए लोगों को अपनी वेबसाइट (https://allpanels.com.in) पर लॉगिन करने का लालच देते थे, जहाँ वे गेम या टास्क पूरा करके पैसे दोगुने-तीगुने करने का वादा करते थे। इसके बाद ठगी (Cyber Fraud) का पैसा फर्जी बैंक खातों और मोबाइल नंबरों के जरिए ट्रांसफर कर लिया जाता था। यह गैंग भारत के अलावा श्रीलंका और यूएई जैसे देशों से भी जुड़ा था और ठगी के पैसे का लेन-देन व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए किया जाता था।
गिरफ्तारी और कार्रवाई
यह कार्रवाई साइबर क्राइम थाना आजमगढ़ में दर्ज मुकदमा संख्या 70/2024 के तहत की गई। पुलिस ने मुखबिर की सूचना और मोबाइल नंबरों व बैंक खातों की लोकेशन की जांच के आधार पर 22 मार्च 2025 को साइबर क्राइम (Cyber Fraud) थाना और स्वाट टीम के संयुक्त ऑपरेशन में वाराणसी के पांडेयपुर, थाना बड़ालालपुर से सात अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों में शुभम जायसवाल (मिर्जापुर), धनजीत यादव (जौनपुर), अजय यादव (वाराणसी), अभय राय (चंदौली), अविनाश राय (पश्चिम बंगाल), शुभम यादव (वाराणसी) और पीयूष यादव (जौनपुर) शामिल हैं।
आरोपियों का खुलासा
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि नवंबर 2024 में आजमगढ़ से 11 लोग पकड़े जाने के बाद वे वाराणसी में छिपकर यह धंधा चला रहे थे। इससे पहले नवंबर 2024 में आजमगढ़ पुलिस ने रेडी अन्ना, लोटस और महादेव जैसे प्रतिबंधित ऐप्स के जरिए 190 करोड़ रुपये की ठगी (Cyber Fraud) करने वाले एक अन्य अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जिसमें 11 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था।