वाराणसी। साइबर अपराधियों ने POLICE COMMISSIONER मोहित अग्रवाल के नाम और फोटो का इस्तेमाल कर एक फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया है। इस फेक आईडी से करीब 1000 प्रतिष्ठित लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए वाराणसी पुलिस की साइबर सेल ने जांच शुरू कर दी है और इसमें कई साइबर विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।
फर्जी अकाउंट के परिचय में लिखा गया है कि यह आईपीएस अधिकारी मोहित अग्रवाल का अकाउंट है और वे लखनऊ में रहते हैं। इस आईडी से शहर के कई लोगों को एक साथ फ्रेंड रिक्वेस्ट मिलने के बाद मामला संदिग्ध लगा। अब तक 150 लोग इस फेक अकाउंट से जुड़ चुके हैं और रिक्वेस्ट भेजने का सिलसिला जारी है।

साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ मृत्युंजय सिंह ने को बताया कि फेसबुक क्लोनिंग एक ऐसा अपराध है जिसमें जालसाज किसी की प्रोफाइल फोटो और सार्वजनिक जानकारी का इस्तेमाल कर नकली अकाउंट बनाते हैं। इसका मकसद पैसा ठगना या अन्य साइबर अपराध करना होता है। वे पहले आपके करीबियों को निशाना बनाते हैं, जिनके पोस्ट आप लाइक या शेयर करते हैं और फिर उनसे पैसे मांगते हैं या उनके अकाउंट हैक करते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि हर दिन लगभग 3 लाख अकाउंट की क्लोनिंग या हैकिंग होती है। कुछ लोग सतर्कता से बच जाते हैं, लेकिन कई ठगी का शिकार बन जाते हैं। उन्होंने सलाह दी कि किसी भी पैसे की मांग पर पहले फोन कर पुष्टि करें।
मृत्युंजय सिंह ने बताया कि फेसबुक क्लोनिंग से बचने के लिए अपनी प्रोफाइल को हमेशा लॉक या प्राइवेट रखें। प्राइवेसी सेटिंग्स में शेयरिंग को ‘फ्रेंड्स’ या ‘प्राइवेट’ मोड पर सेट करें। इससे हैकर्स आपकी जानकारी चुरा नहीं पाएंगे और फर्जी अकाउंट बनाने में नाकाम रहेंगे।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने लोगों से अपील की है कि वे इस फर्जी आईडी की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें। साइबर सेल इसे बंद कराने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक यह सक्रिय है।