वाराणसी I दशाश्वमेध घाट (Dashaswamedh Ghat) पर एक मुस्लिम नाबालिग की पिटाई का मामला अब नया मोड़ ले चुका है। इस घटना में अब उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ-साथ एटीएस, आईबी और एलआईयू जैसी खुफिया एजेंसियां भी शामिल हो गई हैं। पीड़ित नाबालिग को अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही हिरासत में लिया गया और दशाश्वमेध थाने लाया गया, जहां अलग-अलग टीमों ने तीन घंटे तक उससे पूछताछ की।
घटना का विवरण और पूछताछ
सोमवार शाम Dashaswamedh Ghat पर गंगा आरती के बाद 16 वर्षीय नाबालिग युवक को 8-10 लोगों ने कथित तौर पर उसका नाम और धर्म पूछकर बेरहमी से पीटा। पीड़ित का कहना है कि वह घाट पर घूमने गया था और आरती के बाद सीढ़ियों पर बैठा था, तभी हमलावरों ने उससे पूछा, “तुम घाट पर क्यों आए हो?” जवाब न देने पर उसे लात-घूंसे, लाठी और रॉड से पीटा गया। उसे गंगा सेवा निधि के कार्यालय में बंद कर मारपीट की गई और बाद में सीढ़ियों पर फेंक दिया गया।
पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने पूछताछ में नाबालिग के 48 घंटे के मूवमेंट का टाइमचार्ट बनाया। IB ने उसकी गतिविधियों का ब्योरा लिया, जबकि मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसके बताए Dashaswamedh Ghat पर मूवमेंट को जांचा गया। पुलिस ने उसे घटनास्थल पर ले जाकर भी पूछताछ की। सवाल मुख्य रूप से उसकी घाट पर मौजूदगी के उद्देश्य को लेकर थे, न कि पिटाई पर। पूछताछ के बाद दशाश्वमेध पुलिस ने नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया।
जमानत और कोर्ट में पेशी
देर रात नाबालिग को पुलिस लाइंस की ACP कोर्ट में पेश किया गया। अधिवक्ता मोहम्मद अबु के अनुसार, पुलिस ने पहले गुरुवार सुबह पेश करने की बात कही, लेकिन पिता की गुहार पर रात में ही सुनवाई हुई। दो जमानतदारों के शपथपत्र के बाद नाबालिग को जमानत मिल गई।
आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी
पिटाई के मामले में पुलिस ने शिवम गुप्ता, सुशांत मिश्रा और हनुमान यादव के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है, साथ ही 6-7 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। ये सभी गंगा सेवा निधि से जुड़े हैं, जो Dashaswamedh Ghat पर गंगा आरती का आयोजन करती है। हालांकि, पुलिस अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। सभी आरोपी फरार बताए जा रहे हैं।
स्थानीय नेताओं और समुदाय का रुख
वाराणसी के शहर मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातिन ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह धार्मिक नफरत को बढ़ावा देने की साजिश है। उन्होंने दोषियों को सजा देने की मांग की। पीड़ित के शरीर पर गंभीर चोटें और फटे कपड़े इस बात का सबूत हैं कि उसकी बेरहमी से पिटाई हुई।
पुलिस कमिश्नर का एक्शन
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने मामले में लापरवाही बरतने के लिए Dashaswamedh Ghat थाना प्रभारी योगेंद्र प्रसाद को लाइन हाजिर कर दिया और विजय शुक्ला को नया प्रभारी निरीक्षक नियुक्त किया।
पीड़ित का बयान
नाबालिग ने बताया, “मैं Dashaswamedh Ghat घूमने गया था। गंगा आरती के बाद सीढ़ियों पर बैठा था। 8-10 लोग आए, मेरा नाम पूछा और पीटना शुरू कर दिया। मुझे गंगा सेवा निधि के कार्यालय में बंद कर लाठी-रॉड से मारा। बाद में बाहर फेंक दिया। किसी तरह घर पहुंचा और परिजनों को बताया।” उसे गंभीर चोटों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वार्ड के बाहर दो पुलिसकर्मी तैनात थे।
विवाद और जांच का दायरा
Dashaswamedh Ghat घटना का वीडियो सामने आने के बाद मामला तूल पकड़ चुका है। ATS, IB और LIU की जांच से संकेत मिलता है कि पुलिस इस मामले को केवल पिटाई तक सीमित नहीं मान रही, बल्कि इसके पीछे किसी बड़ी साजिश की आशंका जता रही है। DCP काशी जोन गौरव वंशवाल ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला छेड़खानी से जुड़ा लगता है, लेकिन जांच में नाबालिग की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।