वाराणसी। प्रसिद्ध तुलसीघाट पर शनिवार सुबह एक दक्षिण भारतीय व्यक्ति का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद शव को गंगा नदी से बाहर निकाला।
सुसाइड नोट से हुआ खुलासा
मृतक की पहचान 65 वर्षीय गोविंद के रूप में हुई, जो कर्नाटक के नेहरू कॉलोनी, वेल्लोरी के निवासी थे। वे वाराणसी दर्शन और पूजन के लिए आए थे और गुरुबाग स्थित एक होटल में ठहरे हुए थे। आत्महत्या से पहले, उन्होंने अपने परिजनों को एक सुसाइड नोट भेजा था, जिसमें उन्होंने लिखा, “मैं बैकुंठ जाने की तैयारी कर रहा हूं।”
रात में तुलसीघाट से लगाई छलांग
गोविंद ने शुक्रवार रात करीब 12 बजे तुलसीघाट से गंगा नदी में छलांग लगाकर जान दे दी। शनिवार सुबह स्थानीय लोगों ने शव को नदी में तैरते हुए देखा और पुलिस को सूचना दी।
मोक्ष की चाह या मानसिक पीड़ा?
तुलसीघाट के पंडा, बटुक नाथ त्रिपाठी ने बताया, “काशी में मृत्यु को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। संभवतः इसी विश्वास के चलते गोविंद ने आत्महत्या का कदम उठाया। हालांकि, यह जान लेना जरूरी है कि आत्महत्या से मोक्ष प्राप्त नहीं होता।”
पुलिस जांच में जुटी
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और पुलिस ने गोविंद के परिजनों को सूचित कर मामले की जांच शुरू कर दी है। घटना ने काशी की आध्यात्मिक छवि के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को भी उजागर किया है।