महाकुंभ को लेकर अखिलेश यादव के सवालों पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का पलटवार, कहा – 2013 में आजम खान…

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं। इसके जवाब में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ऐसा बयान दिया है जो सपा प्रमुख को अप्रिय लग सकता है। मौर्य ने 2013 के कुंभ का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव और आजम खान की भूमिका पर निशाना साधा है।

आजम खान का किया ज़िक्र

डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा, “जनवरी 2013 में प्रयागराज में हुए कुंभ मेले की व्यवस्था अखिलेश यादव ने अपने चाचा और सपा नेता आजम खान को सौंपी थी। उस कुंभ में इतनी अव्यवस्था रही कि इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया। यहां तक कि तीर्थयात्रियों को दुर्घटनाओं का शिकार होना पड़ा।”

मौर्य ने आगे कहा, “2025 का महाकुंभ हमारे लिए एक बड़ा आयोजन है और इसके लिए सरकार व्यापक तैयारियां कर रही है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।”

2013 बनाम 2022: सरकार की तुलना

वाराणसी दौरे के दौरान उपमुख्यमंत्री मौर्य ने 2013 और 2022 के आयोजनों की तुलना की। उन्होंने कहा, “जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब 2013 में प्रयागराज कुंभ में बड़ी अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं। इस दौरान दुर्घटनाएं हुईं और कई श्रद्धालुओं की जान चली गई। वहीं, 2022 में आयोजित अर्धकुंभ में 24 करोड़ से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।”

मौर्य ने कहा कि 2025 के महाकुंभ में 40 से 50 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है और उनकी सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

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अखिलेश यादव ने उठाए थे सवाल

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ की तैयारियों को लेकर एक वीडियो साझा करते हुए भाजपा सरकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भाजपा सरकार में प्रयागराज महाकुंभ 2025 की तैयारी की सच्चाई। कम से कम पुलिस विभाग का काम तो पहले ही पूरा हो जाना चाहिए था। सुरक्षा चक्र का प्रबंधन किसी अंतिम दिन की प्रतीक्षा नहीं करता।”

महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर दोनों दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। जहां सपा मुखिया सरकार की तैयारियों को लेकर सवाल उठा रहे हैं, वहीं डिप्टी सीएम मौर्य पिछली सरकार के कुंभ प्रबंधन को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। आगामी महाकुंभ के आयोजन को लेकर यह विवाद राजनीतिक गर्मी और बढ़ा सकता है।

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