देव दीपावली: गंगा में सुरक्षा के कड़े इंतजाम, 68 मोटरबोट पर 444 जवान तैनात

वाराणसी। देव दीपावली के अवसर पर गंगा नदी और घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। नमो घाट से सामने घाट तक गंगा को नौ सेक्टरों में बांटा गया है, जहां 68 मोटरबोट पर 444 जवान तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही, गंगा में एनडीआरएफ की एक वॉटर एंबुलेंस और 20 मोटरबोट प्राथमिक चिकित्सा सुविधा के साथ तैनात हैं।

WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now

अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट और राजघाट पर वायरलेस संचार स्टेशन स्थापित किए गए हैं, जो पुलिस के कंट्रोल रूम की तरह कार्य करेंगे। गंगा में तैनात सभी मोटरबोट वायरलेस सेट के माध्यम से आपस में जुड़ी रहेंगी। प्रयागराज से 10 विशेष गोताखोर बुलाए गए हैं, वहीं स्थानीय गोताखोरों को भी पुलिस की मदद के लिए शामिल किया गया है।

पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने सभी कर्मियों को अतिरिक्त सतर्कता के साथ अपनी ड्यूटी निभाने का निर्देश दिया है, ताकि इस विश्वविख्यात आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराया जा सके।

घाटों और गंगा पार रेत पर तैनात दमकलकर्मी

देव दीपावली के दौरान अस्सी घाट, चेत सिंह घाट, दशाश्वमेध घाट, ललिता घाट, पंचगंगा घाट, नमो घाट और गंगा पार रेत की तरफ 50 दमकलकर्मी सुरक्षा उपकरणों के साथ तैनात रहेंगे। मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत ने बताया कि उनकी टीम घाटों और गंगा पार दोनों जगह पूरी सतर्कता के साथ मौजूद रहेगी।

चप्पू वाली नावों पर प्रतिबंध

देव दीपावली के दिन गंगा में चप्पू वाली नावें और मछली पकड़ने की गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी। सभी नावों पर यात्रियों की क्षमता लिखी होगी और लाइफ जैकेट जैसे जीवन रक्षक उपकरण रखना अनिवार्य होगा। किसी नाविक या यात्री के नशे की हालत में पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जल पुलिस ने नाविकों से अपील की है कि वे अपने साथ लेजर लाइट या टॉर्च जरूर रखें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तैनात फोर्स उनकी मदद कर सके।

नावों और क्रूज़ के लिए तय किए गए रूट

नावें और क्रूज़ नमो घाट से अस्सी घाट की ओर घाट किनारे चलते हुए जाएंगी और वापसी में गंगा के उस पार रेत के किनारे से लौटेंगी। सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए गंगा के बीच में फ्लोटिंग डिवाइडर लगाया गया है।

कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर वाराणसी के 84 घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर दान-पुण्य किया। दशाश्वमेध घाट, पंचगंगा घाट, अस्सी घाट, और भैंसासुर घाट सहित सभी प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।

इस पावन दिन पर गंगा स्नान और दान का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने और दान करने से बड़े-बड़े यज्ञों के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दीपदान, पूजा और अर्घ्य देकर आस्था प्रकट की। मंगल गीत गाती महिलाएं और दीपों की जगमगाहट से काशी के घाटों पर कुंभ जैसी दिव्यता का एहसास हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *