वाराणसी I कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर इन दिनों काशी में कथा कह रहे हैं। इस दौरान उन्होंने सनातन बोर्ड के गठन को लेकर अभियान चलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर हिंदू इस समय की गंभीर स्थिति के बावजूद चुप रहते हैं, तो यह बहुत बड़ा अपराध होगा। ठाकुर ने यह भी कहा कि हिंदू समाज की संख्या ज्यादा होने के बावजूद वह डर के माहौल में जी रहे हैं, और अगर उन्होंने अब भी अपनी आवाज नहीं उठाई तो आने वाले समय में उन्हें और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
देवकीनंदन ठाकुर ने विरोधियों को चुनौती दी और कहा कि जो लोग हमारे खिलाफ बोल रहे हैं, वे बांग्लादेश में जाकर अमृत घोलकर दिखाएं। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर कोई भी टिप्पणी नहीं कर रहा है, जबकि वहां हमारे बहन-बेटियां अत्याचारों का शिकार हो रही हैं। ठाकुर ने यह भी कहा कि हमें इस समय बांग्लादेश के खिलाफ खुलकर बोलना चाहिए और अपने धर्म की रक्षा करनी चाहिए।
ठाकुर ने काशी के संत-महात्माओं से भी सनातन बोर्ड बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश में मौजूदा स्थिति को देखकर यह सवाल उठना चाहिए कि जब 75 साल पहले देश स्वतंत्र हुआ था और बफ्फ बोर्ड बना, तो सनातन बोर्ड क्यों नहीं बना? उन्होंने कहा कि हमारे मंदिर सरकार के अधीन क्यों हैं और किस अधिकार से सरकार यह तय करती है कि हमारे भगवान को क्या भोग चढ़ेगा? देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि अगर हम अब भी इस पर चुप रहे तो हम अपनी धर्मिक विरासत को खो देंगे।
उन्होंने काशीवासियों से अपील की कि वे अपने सांसदों से यह सवाल करें कि सनातन बोर्ड कब बनेगा। ठाकुर ने कहा कि यदि पूरा बनारस अपने सांसद के सामने एक साथ रोकर यह मांग करेगा, तो सनातन धर्म की रक्षा का कार्य पूरा होगा।
