Diljit Murder Case : वाराणसी पुलिस ने दिलजीत की हत्या (Diljit Murder Case) में शामिल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। होली के दिन, 14 मार्च की रात को, दिलजीत को उसकी गर्लफ्रेंड सरस्वती ने होली खेलने के बहाने बुलाया था। लेकिन यह एक षड्यंत्र था। सरस्वती ने अपने प्रेमी राजकुमार के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।
Diljit Murder Case : चंदौली से हुई गिरफ्तारी, हथियार बरामद नहीं
पुलिस ने दोनों आरोपियों को चंदौली से धर-दबोचा। हालांकि हत्या में इस्तेमाल की गई बाइक तो बरामद हो गई, लेकिन हत्या में प्रयुक्त पिस्टल अभी तक नहीं मिली है। पूछताछ में दोनों ने अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने उन्हें अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
शादी से पहले प्रेम-प्रसंग बना मौत की वजह
33 वर्षीय दिलजीत उर्फ रंगोली, औसानगंज का निवासी (Diljit Murder Case) था। वह अपने माता-पिता संतोष प्रसाद और नीलम देवी का बड़ा बेटा था और शादी-ब्याह में डेकोरेशन का काम संभालता था। दिलजीत की शादी 5 मई को होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही उसकी जान ले ली गई।
गर्लफ्रेंड के नए रिश्ते से नाराज था दिलजीत
पुलिस जांच में सामने आया कि सरस्वती (28) तीन साल से दिलजीत की गर्लफ्रेंड थी, लेकिन करीब छह महीने पहले उसने दिलजीत के दोस्त राजकुमार (30) से नजदीकियां बढ़ा लीं। जब दिलजीत को इस रिश्ते के बारे में पता चला, तो उसने सरस्वती को राजकुमार से दूर रहने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं मानी। इसके बाद दिलजीत ने दोनों पर नज़र रखना शुरू कर दिया, जिससे कई बार झगड़े भी हुए।

हत्या की साजिश: प्यार में रोड़ा बन रहा था दिलजीत
लगातार हो रही बहस और परेशानियों से तंग आकर सरस्वती और राजकुमार ने दिलजीत को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। योजना के तहत होली की रात सरस्वती ने दिलजीत (Diljit Murder Case) को मिलने के लिए बुलाया। जब वह वहां पहुंचा, तो सरस्वती की जगह राजकुमार बाइक से आया। पास में ही सरस्वती छिपी हुई थी। दिलजीत कुछ समझ पाता, इससे पहले ही राजकुमार ने पिस्टल निकालकर उसके सीने में गोली मार दी।
वारदात के बाद फरार हुए आरोपी, सर्विलांस से पकड़े गए
गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस दिलजीत ((Diljit Murder Case) को घायल अवस्था में ट्रॉमा सेंटर ले गई, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी. के अनुसार, वारदात के बाद पुलिस ने कॉल डिटेल और सर्विलांस के जरिए आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की। दोनों वारदात के बाद लगातार एक-दूसरे के संपर्क में थे और बनारस से मुगलसराय के बीच छिपते रहे। पुलिस ने कई जगह दबिश दी और आखिरकार मंगलवार रात जलालीपुरा क्रॉसिंग के पास से राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया।